ड्यूटी करते हुए भूख हड़ताल कर रहे जेल कर्मी, मांगों पर सुनवाई न होने पर किया प्रदर्शन

राजस्थान में वेतन समेत अपनी मांगों को लेकर राज्य की 100 जेलों के कर्मी पिछले कई दिनों से काली पट्टी बांधकर ड्यूटी कर रहे थे। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं होने पर जेल कर्मियों ने मेस का बहिष्कार शुरू कर दिया है। ऐसे में कर्मी भूखे रहकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। रविवार को जेल कर्मियों ने जेल परिसर के सामने अनशन पर बैठते हुए राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।

राज्य सरकार कर रही जेल कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार
हवलदार मनोज परमार ने बताया वेतन विसंगति को लेकर जेल प्रहरी 21 जून 2023 से कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अनशन कर रहे हैं। उन्होंने बताया अखिल राजस्थान कर्मचारी महासंघ एकीकृत के आह्वान पर धरना दिया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार जेल कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। पुलिस और आरएसी से भी वेतन कम दिया जा रहा है। उन्होंने बताया राजस्थान पुलिस का ग्रेड-पे 2400 और जेल पुलिस का 1900 है। जेल पुलिस के साथ आरएसी द्वारा भी साथ में ड्यूटी की जाती है।

समान ड्यूटी करने के बावजूद भी वेतन विसंगति में भारी अंतर है। उन्होंने बताया जेल के कर्मचारी निहत्थे आठ घंटे तक बिना मोबाइल रखे जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी का निर्वहन करते हैं। आठ घंटे तक जेल कर्मचारी अपने परिवार से हाल-चाल पूछकर कुशल क्षेम भी नहीं ले सकते हैं। उसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा जेल कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

अपने वादे पर खरी नहीं उतरी सरकार
जेल कर्मचारियों का पुलिस एवं आरएसी की अपेक्षा अधिक हार्ड वर्क है। जेल कर्मचारी विगत लंबे समय से वेतन विसंगति की मांग को राज्य सरकार से करते चले आ रहे हैं। जनवरी में राज्य सरकार से सार्थक वार्ता भी हुई थी, लेकिन सरकार अपने वादे पर खरी नहीं उतरी है। उन्होंने कहा जेल कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट रहा है। राज्य सरकार के खिलाफ 21 जून से भूखे प्यासे अनशन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने कर्मचारियों से वार्ता करने तक की जहमत नहीं उठाई है, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।

मांगें नहीं मानी तो करेंगे आंदोलन
हवलदार मनोज परमार ने बताया जेल प्रहरी राज्य सरकार से भीख नहीं मांग रहे, बल्कि अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा हर बार जेल कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी की जाती है। उन्होंने बताया राज्य सरकार की मंशा जेल कर्मचारियों के हित में नहीं है। राजस्थान प्रदेश में 3000 जेल प्रहरियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा इस बार जेल कर्मचारी राज्य सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेगा। राज्य सरकार ने जिम्मेदारी के साथ मांगों को लागू नहीं किया तो घेराव कर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

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