Sat. Apr 26th, 2025

गेंद भाजपा -यानि विपक्ष के पाले

0 आसन्न मानसून विधानसभा सत्र पर अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा

रायपुर। मानसून विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा द्वारा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की चर्चा है। यह जानते हुए भी संख्या के मद्देनजर वह सत्तारूढ़ पार्टी की एक चौथाई नहीं है। फिर प्रयास क्यूं !

चर्चा है कि शराब घोटाला, चावल, भ्रष्टाचार आदि 4-5 मुद्दों पर भाजपा अविश्वास प्रस्ताव रखेगी। तत्संबंध में वह छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस व बसपा से समर्थन की उम्मीद रखे हैं। यानि कुल जमा डेढ़ दर्जन (विधायक) दर्ज संख्या लिया हुआ। बहुत संभव है कि अविश्वास प्रस्ताव पर, विधानसभा अध्यक्ष चर्चा की अनुमति दे दें।

फिर आते हैं मुद्दे पर। जब दर्ज संख्या नगण्य है। यानि अपर्याप्त है तो फिर क्यूंकर प्रस्ताव ! भाजपा चाहती थी कि सत्र पर्याप्त अवधि वाला हो। वजह यह चुनाव पूर्व आखिरी सत्र हो सकता है। अतः मुद्दे पर व्यापक चर्चा हेतु ठीक-ठाक अवधि मिले पर शायद कांग्रेस “वार” से बचना चाह रही हो – लिहाजा फकत 4 दिनों का सत्र होगा। उस पर पहला दिन श्रद्धांजलि उपरांत स्थगित। बचे 3 दिन नगण्य प्रायः। (मुद्दों को देखते हुए)

अगर विस अध्यक्ष अनुमति देते हैं। तो अविश्वास प्रस्ताव पर पूरी चर्चा होगी। विपक्ष जोर-शोर से मुद्दे उछालेगा फिर सरकार को जवाब देना ही पड़ेगा। भले तय हो कि प्रस्ताव गिर जाएगा, परंतु इस बहाने विपक्ष अपने चाहे उठाए मुददों पर तय हार के बावजूद चर्चा करने में (समय लेने) सफल होगा।

और अगर विस अध्यक्ष अनुमति नहीं देते तो विपक्ष को बहाना मिल जाएगा- कि ज्वलंत मुददों पर सरकार चर्चा से घबरा गई। इसे लेकर विपक्ष चुनावी मुद्दा बनाएगा। इस तरह देखे तो गेंद अभी विपक्ष के पाले में है। देखना होगा वह कैसा फेंकती (गेंद) है।

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