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फर्जी जाति प्रमाण पत्र और नग्न विरोध प्रदर्शन, आखिर दोषी कौन ?

नग्न प्रदर्शन करने वाले कुछ लोग भले अपराधी हो-पर वे अपना संदेश राज्य भर में प्रसारित कर गए

रायपुर छत्तीसगढ़। फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर सरकारी नौकरी कर रहे लोगों पर कार्यवाही में देरी से नाराज हो ढाई दर्जन युवाओं ने नग्न प्रदर्शन कर अपना संदेश प्रसारित कर दिया है। अब उन्हें जेल हो- सजा हो इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता।

नग्न प्रदर्शन की जबरदस्त चर्चा प्रदेश भर में है। अब भले ही कथित 29 युवाओं में से 8-10 को पुलिस अपराधी किस्म का करार दे या आदतन अपराधी या फिर पूर्व में जेल जा चुके। मुद्दे की बात यह है कि जिस मुद्दे पर “वे” लोग ध्यानाकर्षण कराने विधानसभा घेराव की बात कह रहे थे- अनुमति घेराव के लिए मांग रहे थे वह तो कोई प्रशासन नहीं देता। बगैर अनुमति के अचानक मंत्रियों-विधायकों के काफिले के सामने नग्न होकर प्रदर्शन करने से नाराज कथित युवकों का मुद्दा पूरा हो गया।

अब मोबाइल पर कथित प्रदर्शन को प्रसारित-प्रकाशित करने पर बैन लगाने, निगाह रखने अन्यथा की स्थिति में कार्रवाई के बाद कहने से भला क्या फायदा बेहतर होता, कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र मुद्दा इसी रफ्तार से निपटा लेते। ताकि भविष्य में कोई फर्जी कागजात पेश कर नौकरी ना पा सके।और फिर कभी कोई नग्न प्रदर्शन किसी भी मामले पर ना कर सके। इस पूरे मामले में दोषी कोई है तो वे लोग जिन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया नौकरी पाई। दूसरे जिन्होंने बना कर दिया। दोनों वर्ग पर तुरंत (तत्काल) कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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