राजधानी में हुई अलसुबह झमाझम बारिश

० ढाई घंटे तक चली बारिश, जनजीवन बुरी तरह प्रभावित, ठंडकता बढ़ी

रायपुर। शुक्रवार को राजधानी में अलसुबह से करीब ढाई -तीन घंटे झमाझम बारिश हुई। जिससे तरबतर की स्थिति बनी, इससे सुबह पाली वाला जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

राजधानी में गुरुवार शाम -रात बादल गहराने लगे थे। जो शुक्रवार सुबह 5 बजे के करीब बरस पड़े। तेज मूसलाधार बारिश होने से जल भराव की दशा बनी। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर फैल गया। जिससे सड़कों पर गंदगी पसर गई। मूसलाधार बारिश के कारण अलसुबह घूमने -टहलने जाने वाले घरों के अंदर कैद होकर रह गए। इसी तरह से सुबह व्यायाम या टहलने उद्यान, बाग- बगीचे जाने वाले निकल नहीं पाए। तो वही आधे से ज्यादा बच्चे स्कूल नहीं जा पाए। उधर दूध, अखबार बांटने वाले हाकर भी देर से पहुंचे घरों में काम करने वाली बाईया भी या तो नागा( छुट्टी ) की या देरी से आई।

नालियां भर गई गंदा पानी कचरा सड़कों पर बिखरा तो नगर निगम के ठेका सफाई कर्मियों को ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी। अलसुबह चाय-नाश्ते (पोहा) के खुलने वाले ठिये, नुक्कड़, दुकान आधे-अधूरे खुले। या देर से खुले।

उधर निचली एवं झुग्गी- झोपड़ी वाली बस्तियों की गलियों का पानी घरों में घुसा। जिन्हें निकालने परिवार जुटे देखे गए। आवारा घूमने वाले पशु -जानवर यत्र -तत्र दुबके थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा (शुक्रवार) में समय पर पहुंचने के लिए राजधानी में 25 से 75-100 किलोमीटर दायरे वाले शहरों- कस्बों के लोग भी परेशान हुए। उनके यहां ऐन निकलते वक्त बारिश शुरू हो गई थी। जो रास्ते में बढ़ती गई। दुपहिए में आने वाले भीगते हुए पहुंचे। तो बसों की खिड़कियां खराब (जाम) या टूटी होने से आमयात्री भीगे। खैर जो लोग सभा के लिए आए थे उन्हें नाश्ता -पानी करने चाय ठेला, दुकान, होटल ढूंढते देखा गया। हालांकि भाजपा ने अपने बाहरी कार्यकर्ताओं के लिए चाय- नाश्ता तो इंतजाम कर रखा था। खासतौर पर दूर- दराज से आकर रात्रि विश्राम करने वाले कार्यकर्ताओं के लिए।

बहरहाल सुबह 8 बजे के करीब बारिश थम गई। फिर जनजीवन देरी से सही सामान्य होने लगा। पर मौसम में ठंडकता व्याप्त हो गई थी। शाम 5 बजे तक बादल छाए रहे जो देर शाम गहराए। पर सुबह 8 से शाम तक बारिश नहीं हुई है कुछ हुई भी तो बूंदाबांदी वाली स्थिति थी

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