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बरसात में भी चलेगा एंटी नक्सल ऑपरेशन, मैदान में उतारे जाएंगे ट्रेंड जवान

नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन मानसून में प्रहार तेज रहेगा। जवानों को कांकेर के जंगलवार फेयर कॉलेज में ट्रेड किया गया है।

जगदलपुर । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की डेडलाइन के बाद इस बार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन मानसून में प्रहार तेज रहेगा। इसके लिए जवानों को आंध्र में ग्रेहाउंड, मिजोरम और कांकेर के जंगलवार फेयर कॉलेज में ट्रेड किया गया है। विशेष ऑपरेशन से पहले ऐसा हर बारकिया जाता है। भरी बारिश में नदी-नालों और जीव जंतुओं की मुसीबत के बीच साहस से भरे जवानों ने वहां डेरा डाला हुआ है। आकंड़े की बात करें तो पिछले पांच बरस में मानसून के दौरान नक्सलियों व पुलिस के बीच 111 बार मुठभेड़ हुई, जिसमें 99 हार्डकोर नक्सलियों को ढेर करने में फोर्स को सफलता मिली है। इस बार इससे भी बड़ी सफलता की उम्मीद है। अभी कई ईनामी नक्सली मारे जा चुके हैं।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर जोन में माओवादियों के खिलाफ मानसून में भी फोर्स को भारी सफलता मिल रही है। इसका मुख्य कारण जवानों को बस्तर समेत दूसरे प्रदेशों में वहां की स्पेशल फोर्स के साथ दिए गए कड़े प्रशिक्षण व फोर्स का आपरेशन के दौरान बदली रणनीति को बताया जा रहा है। यही वजह है कि बरसते पानी में भी नक्सलियों पर जवान भारी पड़ रहे है और नक्सलियों को उनके गढ़ में भी पीछे हटने मजबूर कर रहे हैं। स्पेशल ट्रेनिंग व साजसज्जा से लैस फोर्स के आगे नक्सलियों की कोई रणनीति अब कारगर साबित नहीं हो पा रही है। विशेष प्रशिक्षण ले चुके जवान ऑपरेशन के दौरान अपने साथ अस्थायी टेंट लेकर व अस्थायी पुल बनाते हुए एक ओर उफनते नदी नालों को पार कर रहे है। वहीं दूसरी ओर जंगलों में जंगली जानवरों, सांप, बिच्छू व मधुमक्खियों को मात देते हुए नक्सलियों को घेरते हुए लगातार आगे बढ़ रहे हैं।

रिवर क्रॉसिंग किट होती है सहायक
मानसून के दौरान जवानों को रिवर क्रॉसिंग किट से लैस किया जाता है। इस कीट में रस्सी, हुक, रेनकोट, मेडिकल किट आदि होते हैं। इसकी मदद से जवान भारी बारिश के दौरान भी नदी नालों को आसानी से पार करते हुए माओवादियों के खिलाफ आपरेशन जारी रखते है। मानसून के दौरान सांप, बिच्छू जैसे खतरनाक जीव-जन्तुओं से भी जवानों को दो चार होना पड़ता है, इसके लिए स्पेशल मेडिकल किट हमेशा जवान अपने साथ रखते हैं। यही वजह है कि बरसात के मौसम में किसी भी तरह की परिस्थिति हो जवान उसका सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। स्पेशल फोर्स की गतिविधियां नक्सल प्रभावित इलाकों में बढ़ी है तथा माओवादियों के आधार वाले इलाकों में भी मूवमेंट बढ़ा है और फोर्स को लगातार सफलता भी मिल रही है।

743 नक्सली गिरफ्तार 920 ने हथियार डाला
बस्तर पुलिस व नक्सलियों के बीच मानसून के दौरान वर्ष 2020 से 8 जुलाई 2025 तक 111 बार मुठभेड़ हुई। जिसमें 99 हार्डकोर नक्सलियों को ढेर करने में फोर्स को सफलता मिली है। वहीं जंगलों में मारे मारे फिर रहे 743 नक्सली गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं 920 नक्सली हथियार छोड़कर समर्पण कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। मानसून में ऑपरेशन के दौरान नवस्लियों को ढेर कर 179 हथियार व 295 आईईडी बरामद किया जा चुका है। इन वर्षों में नक्सलियों के साथ बहादुरी से मुकाबला करते हुए 14 जवान शहीद हो चुके हैं।

दूसरे राज्यों की स्पेशल फोर्स के साथ प्रशिक्षण
जानकारी के मुताबिक मानसून हो या भीषण गर्मी हर मौसम में माओवादियों के खिलाफ आपरेशन में भेजने से पूर्व बस्तर में तैनात जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। इसके लिए पहले जवानों को जगंलवार कैम्प कांकेर में प्रशिक्षित किया जाता है। इसके उपरांत मिजोरम में वहां की फोर्स के साथ प्रशिक्षित कर पड़ोसी राज्य आध्रप्रदेश की स्पेशल फोर्स ग्रेहांउड्स के साथ ट्रेनिंग लेने हैदराबाद में पुनः एक बार प्रशिक्षण लेने भेजा जाता है। इन विशेष प्रशिक्षणों के उपरांत जवानों को माओवादियों के खिलाफ आपरेशन के लिए उतारा जाता है, यही कारण है कि विगत पांच वर्ष में मानसून के दौरान भी फोर्स को कई बड़ी सफलता मिल चुकी है। इस साल भी सिलसिला जारी है।

सफर आसान नहीं, लेकिन हमारा लक्ष्य साफ
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि, मानसून का मौसम शुरू हो चुका है, लेकिन इससे हमारे अभियान धीमे नहीं होंगे। बरसात के दौरान जवानों को घने जंगलों, कीचड़ भरे रास्तों, नदियों के बढ़ते जलस्तर और दुर्गम इलाकों से होकर गुजरना पड़ता है। संचार व्यवस्था और लॉजिस्टिक सपोर्ट में भी कई बार मुश्किलें आती हैं। लेकिन इसके बावजूद हमारे सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी और हौसले के साथ नक्सल विरोधी अभियानों को अंजाम दे रहे हैं। बस्तर को नक्सल हिंसा से मुक्त कर शांति और विकास की राह पर आगे ले जाने का हमारा लक्ष्य साफ है। यह सफर आसान नहीं है, लेकिन हमारे जवान हर चुनौती को स्वीकार कर बस्तर की जनता की सुरक्षा के लिए समर्पित है।

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