जानिए, सावन महीने में कैसे करें भगवान शिव की पूजा-आराधना

रायपुर। 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ा, यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस वर्ष मलमास पड़ने के कारण 59 दिनों का सावन होगा। इस समय सावन महीने में कुल 8 सोमवार होंगे। भगवान शंकर के भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत ही पावन होता है। कहा जाता है कि सावन में शिव को प्रसन्न करना और भी ज्यादा आसान होता है। यही वजह है कि भक्त पूरे माह भगवान की विशेष उपासना करते हैं। इस बार 19 साल बाद ऐसे संयोग बने हैं कि सावन का महीना दो महीने तक चलने वाला है। सावन का महीना 4 जुलाई, 2023 से 31 अगस्त तक यानी 59 दिन तक चलने वाला है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि सावन के महीने में भगवान शंकर की उपासना करते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पूजन विधि
स्नान कर के ही पूजा में बैठें। साफ सुथरा वस्त्र धारण करें। आसन स्वच्छ होने चाहिए, पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह कर के ही पूजा करें। शिव की परिक्रमा पूरी नहीं की जाती, शिव की आधी परिक्रमा की जाती है। शिव पूजन में चंपा के फूल का प्रयोग नहीं किया जाता। बिल्व पत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं (खंडित बिल्व पत्र न चढ़ाएं), बिल्व पत्र के उपरांत आक के फूल, धतुरा फूल, अपराजिता का फूल, कनेर का फूल चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा करें। शिव की मूर्ति या शिवलिंग पर अबीर-गुलाल, चन्दन (सफ़ेद) अगरबत्ती धुप (गुग्गुल) दूर्वा, चावल, (सफेद), नारियल, फल,मिठाई, पान-सुपारी,जनेऊ, पंचामृत, आसन, कलश, भगवान शिव का पूजन करें।
शिव की पूजा उपरांत शिव चालीसा का पाठ करें। पंचअक्षरी मंत्र (ॐ नमः शिवाय) का जाप करें। पूजा के अंत में दीपक, शंख, घंटी से आरती करें।