वाहन पार्किंग शुल्क मनमाना..!

रायपुर। शहर के अंदर दर्जनों विभागों के दफ्तर ढेरों व्यवसायिक परिसर समेत बस स्टैंड एवं रेल्वे स्टेशन में वाहन पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। जहां दुपहिया चार पहिया वाहन पार्क करने का अलग-अलग मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है।
जिलाधीश कार्यालय परिसर में 4 मंजिला मल्टी -पार्किंग करोड़ों की लागत से बनाया गया है। जहां आमतौर पर लोग वाहन पार्क करने की जगह बाहर खुली सड़क पर खड़ी करते हैं। जो गलत है। यहां दर ठेकेदार अपनी इच्छानुसार ले रहें है। उधर तहसील दफ्तर परिसर में जगह कम है, पर पार्किंग स्थल सुविधा है, दर अलग, कृष्णा व्यवसायिक काम्प्लेक्स में पार्किंग शुल्क ठेकेदार खुद तय कर रहे हैं। तो उधर पुराना बस स्टैंड के पास दो व्यवसायिक परिसर में अलग। इसी तरह पंडरी कपड़ा मार्केट में मनमाना शुल्क ठेकेदार वसूल लेते हैं। आगे विधानसभा रोड पर कई व्यवसायिक परिसर मिल जायेंगे जहां दर अलग-अलग हैं। रेल्वे स्टेशन पर ठेकेदार जोर जबरदस्ती कर शुल्क जमा करा लेता है।
रामसागर पारा, बढ़ाई पारा, रवि भवन, पुराना बस स्टैंड,(शास्त्री बाजार रोड) के पास निर्मित मल्टी पार्किंग स्थल, गांधी चौक (कोतवाली के आगे) अलग, नगर निगम भवन के पास अलग जबकि यहां पार्किंग स्थल है। इसी तरह कटोरा तालाब, शंकर नगर, तेलीबांधा, कृषि विश्वविद्यालय जोरा, टिकरापारा, पचपेढ़ी नाका, नया धमतरी रोड, पुराना धमतरी रोड, बस स्टैंड भाठागांव, टाटीबंध, एम्स, महोबा बाजार, कोटा, रविवि आमापारा, वीआईपी रोड स्थित व्यवसायिक परिसरों में पार्किंग शुल्क अलग-अलग हैं। कई चर्चित उद्यानों में पार्किंग शुल्क अलग हैं। औसतन तमाम स्थानों पर दुपहिया वाहन हेतु 10 से 20 रूपए एवं चार पहिया हेतु 20 से 40 रुपए तक वसूला जाता है।
कामकाजी वर्ग समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि शहर के किसी भी विभाग के दफ्तर या प्रतिष्ठान या फिर व्यावसायिक परिसर, प्रशासन को एक तय शुल्क जैसे दुपहिया 10, चार पहिया 20रुपए संबंधित बोर्ड लगाने ठेकेदारों को बाध्य करना चाहिए। शिकायत वास्ते अधिकृत अधिकारी का मोबाइल नंबर, संबंधित थाने का नंबर उल्लेखित हो, जो वाहन मालिक का नैतिक-मौलिक अधिकार है। पार्किंग शुल्क चार्ज की रसीद भी नहीं देते, साथ ही ठेकेदारों का कर्तव्य। आमतौर पर कभी-कभार (यदा-कदा) या फिर बाहर से आने वाले (अनियमित) वाहन चालकों से अधिक किराया लिया जाता है। वह भी दबाव पूर्वक।