Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर SC ने राज्य और केंद्र सरकार से मांगी रिपोर्ट, पूछा- हिंसा रोकने के लिए क्या किया
Manipur Violence: मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। यानी इस हिंसा को शुरू हुए दो महीने हो चुके हैं। हर रोज यहां के किसी न किसी इलाके से गोलीबारी की खबर आ ही जाति है। इसी बीच इंफाल से लगभग 70 किमी साउथ-ईस्ट में रात भर चली गोलीबारी में पांच घायल लोग हो गए। इससे पहले रविवार सुबह बिष्णुपुर-चुराचांदपुर बॉर्डर (Bishnupur-Churachandpur Border) पर दोनों समुदायों के लोग भिड़ गए। इस हिंसा में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और चौथे का बेरहमी से सिर काट दिया गया। इस घटना के बाद राज्य के CM एन बीरेन सिंह (CM N Biren Singh) ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थानीय लोगों को पूरी सुरक्षा देने का वादा किया। इस बीच कुकी समुदाय की ओर से आर्मी द्वारा सुरक्षा पाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।
कोर्ट का सरकार से सीधा सवाल, हिंसा रोकने के लिए क्या उपाय किए
लंबे वक्त से जारी हिंसा को लेकर कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से यहां हो रही जातीय हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर एक हफ्ते के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई को करेगा। वहीं सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र और राज्य सरकार (Central and State Government) द्वारा उठाए जा रहे कदम से राज्य की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है।
हिंसा में जा चुकी है 130 से अधिक लोग की जान
मणिपुर (manipur) में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय (Kuki and Meitei Community) के बीच जातीय हिंसा जारी है। इस भयानक हिंसा में अब तक 130 से अधिक आम लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 450 से अधिक लोग के घायल होने की खबर हैं। 65,000 से अधिक लोग मजबूरन अपना घर छोड़ चुके हैं। राज्य में आग लगने की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। आम लोग की जिंदगी दहशत में कट रही है।
कब किसी इंसान की जान चली जाए, किसका घर आग के हवाले हो जाए कोई नहीं जनता। इस हिंसा के 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 बड़े अधिकारी तैनात किए गए हैं।
इंटरनेट बैन बढ़ाया गया
मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक बार फिर से (internet ban) इंटरनेट सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को बढ़ा दिया गया है। राज्य सरकार ने 5 जुलाई की दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक को बढ़ाया। एक ऑफिसियल विज्ञप्ति के मुताबिक, जातीय झड़पों और हिंसा से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध 5 जुलाई को दोपहर 3 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
इस वजह से बढ़ाया गया इंटरनेट बैन
सरकार के मुताबिक, ऐसी आशंकाएं हैं कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने वाली तस्वीरें, नफरती भाषण और नफरत से भरे वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी वजह से इंटरनेट पर लगे बैन को बढ़ाया गया है।