जो डर जाए, वह मोदी नहीं- मोदी

0 संकेतों में विपक्षी एकता प्रयास पर कटाक्ष किया

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की विजय संकल्प महारैली में आम सभा को संबोधित करते हुए- कहा “जो डर जाए वह मोदी नहीं” दरअसल आम चुनाव 2024 के लिए एकता हेतु प्रयासरत दलों को वे संकेत दे गए कि अपनी नीतियों, कार्य योजनाओं को वे सतत जारी रखेंगे। साथ ही दूसरा संकेत छोड़ गए कि क्या वाकई विपक्ष एकजुट हो रहा है। या सिर्फ मोदी से लड़ने अपनी साख बचाने का प्रयास है।

रायपुर, छत्तीसगढ़ में शुक्रवार 7 जुलाई को आयोजित विजय संकल्प महारैली में उमड़ी भीड़-भाजपाइयों को उत्साहित कर गई तो वही आमजन अपने चर्चित लोकप्रिय पीएम को सीधे देखने से हर्षित थे। पीएम मोदी ने 75 अरब की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए कहा कि अगले 25 साल छत्तीसगढ़ के विकास के लिए अहम हैं। उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की गारंटी और मोदी भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की गारंटी है। यानी पीएम का कहना था कि वे सतत कार्रवाई करते रहेंगे। उन्होंने पटना में विपक्षी एकता हेतु जुटे दलों पर संकेतों में तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वे अपनी नीतियों, कार्ययोजनाओं को सतत जारी रखेंगे। उन्होंने कहा- “जिनके दामन में दाग है वह एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं।” उनको लगता है कि ऐसा करने से वे मोदी को डरा पाएंगे, लेकिन जो डर जाए, ‘वह मोदी नहीं’

अपने उपरोक्त कथनों में पीएम मोदी पहला संकेत दे रहे हैं कि भाजपा ने जो वादे जनहित में किए है वह पूरा करेगी। चाहे विपक्ष साथ दे या ना दे। दूसरा संकेत देते हैं कि विपक्षी दलों को देश से मतलब नहीं है ना ही विकास से। वे सिर्फ मोदी से लड़ने एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं। अपनी साख बचाने विपक्षी दल एकता की बात कर रहे, क्योंकि एकता हेतु प्रयासरत तमाम विपक्षी दलों के दामन दागदार है। जिससे बचने वे साथ आने की कोशिश कर रहे हैं। साख मिट जाने के भय आशंका से एक दूसरे के विरोधी एकता का प्रयास कर रहे। यानी ऐन-केन प्रकरण उनका मोदी ही टारगेट है- जो डर जाए वह मोदी नहीं में शब्दों में संकेत छिपा है कि वे सुदृढ़, संकल्पित, क्रियाशील, जनहित के लिए, देश वास्ते कदम उठाते रहेंगे। विपक्ष का रुख उन्हें डगमगा नहीं सकता।

 

About The Author

© Copyrights 2024. All Rights Reserved by : Eglobalnews