पुणे का किसान रातोंरात बन गया करोड़पति : इस खेती ने बदल दी उसकी किस्मत…

पुणे। लॉटरी से करोड़ों रूपये जीतने की कई खबरें आपने देखी या पढ़ी होंगी। आज हम पुणे के जुन्नार के एक किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जो कि खेत में पसीना बहाकर उगाए टमाटर की खेती से करोड़पति बन गया है।
इस गांव में बांधों का है “हब”
पचघर पुणे और नगर जिले की सीमा पर स्थित एक छोटा सा गांव है। जुन्नार को ग्रीन बेल्ट के नाम से जाना जाता है। राज्य के अधिकांश बांध इसी तालुक में हैं। इससे गांव बदल गया। काली मिट्टी और साल भर पानी के कारण यहां प्याज और टमाटर की खेती की जाती है। गांव में जहां भी नजर दौड़ाएं, वहां टमाटर लगे हुए नजर आते हैं। इसके चलते टमाटर की खेती ने यहां के कई लोगों की किस्मत बदल दी है। गायकर परिवार उनमें से एक है। पचघर के तुकाराम भागोजी गायकर के पास 18 एकड़ बागवानी भूमि है।
बहु का अनुभव आ रहा है काम
तुकाराम ने अपने बेटे ईश्वर गायकर और बहू सोनाली की मदद से इसमें से 12 एकड़ में टमाटर की खेती की है। यही नहीं, गायकर के टमाटर की खेती के सहारे 100 से अधिक महिलाओं को रोजगार दिया है। किसान गायकर के मुताबिक, उनकी बहू सोनाली गायकर टमाटर के बगीचे की खेती, कटाई, टोकरा भरना, छिड़काव आदि का प्रबंधन कर रही है, जबकि बेटा ईश्वर गायकर बिक्री प्रबंधन और वित्तीय योजना बना रहा है। अच्छा बाजार मिलने से पिछले 3 महीने की मेहनत रंग लाई है।
टमाटर बेचकर डेढ़ करोड़ कमाए
तुकाराम भागोजी गायकर को इस साल टमाटर की फसल की लॉटरी लगी है। हाल ही में 11 जुलाई 2023 को टमाटर की क्रेट का मूल्य 2100 रुपये (20 किलो क्रेट) मिला। गायकर ने कुल 900 टमाटर की क्रेट बेचीं। उनको एक ही दिन में 18 लाख रुपये मिले। पिछले दिनों में उन्हें ग्रेड के आधार पर प्रति क्रेट 1000 रुपये से 2400 रुपये तक की कीमत मिली है। तुकाराम भागोजी गायकर और उनके परिवार ने एक महीने में 13,000 टमाटर की क्रेट बेचकर 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है।
दर्जन भर किसान बने करोड़पति
बता दें कि गायकर की तरह तालुक में 10 से 12 किसान हैं जो कि टमाटर की वजह से करोड़पति बन गए हैं, जबकि एक माह में बाजार समिति का टर्नओवर 80 करोड़ रुपये तक रहा है। किसानों का कहना है कि इस बार टमाटर के टोकरे (20 किलोग्राम ग्राम) के लिए ऊंची कीमत 2500 रुपये यानी 125 रुपये प्रति किलोग्राम मिली है, इससे कई टमाटर उत्पादक लखपति और करोड़पति बन गए हैं।