बारिश, गर्मी या ठंड, यात्री बसों में सुविधा नहीं

० पेयजल, शिकायत पुस्तिका, बॉक्स, मेडिकल कीट, अग्निशमन यंत्र तक नहीं
० आपत्ति पर दुर्व्यवहार
रायपुर। समूचे छत्तीसगढ़ प्रदेश में दौड़ रही निजी कंपनियों के यात्री बसों में किराया तो पूरा वसूला जा रहा है पर सुविधा का समुचित ध्यान नहीं रखा जाता। आपत्ति उठाने पर चालक-परिचालक दुर्व्यवहार करने लगते हैं।
गौरतलब है कि निजी बस ऑपरेटरों की यात्री बसें एक से दूसरे शहरों कस्बों में दौड़ रही हैं। नियमित यात्रा करने वालों का आरोप है कि टिकट किराया पूरा वसूला जाता है, पर सुविधा नाम मात्र की, मसलन बारिश का मौसम है। परंतु खिड़कियां जाम हैं, खुलती-बंद नहीं होती, बारिश का पानी भीतर आने से स्पंज वाली सीटें गीली हो जाती हैं। गीली सीटों को यात्री खुद -पोछ रहे हैं। अगर बारिश जारी रहती है तो सीट से खड़े होकर यात्रा करनी पड़ती है। कई बार तो भीगना पड़ता है। इसी तरह कड़कड़ाती ठंड में खिड़की बंद नहीं होती तो गर्मियों में खुलती नहीं है। अगर यात्री बंद या खुला करने कहते हैं तो स्टाफ जाम होने का जवाब दे इतिश्री कर लेते हैं। शिकायत बाक्स भी ऑपरेटर नहीं लगाते।
सीटें भी फटी हैं। या कीले निकल आए हैं। स्टॉपेज समेत दसियों -बीसियों जगह बसें रोकते हैं। पर किसी निर्धारित बस स्टॉपेज, स्टैंड पर लघुशंका या चायपानी के लिए जाने नहीं देते। ना ही खुद चालक- परिचालक यह कहते – बताते हैं कि गाड़ी 5-10 मिनट ठहरेगी। पूछो तो ढंग से जवाब नहीं दिया जाता। उल्टे गलत व्यवहार करते हैं। बावजूद चले जाओ तो कई बार छोड़कर भाग जाते हैं, या फिर भाग कर पकड़ना पड़ता है। चार बात सुनते हैं। निर्धारित सीट से डेढ़ गुना अधिक या दुगुना यात्री ढोते हैं। किसी भी बस में अग्निशामक,पेयजल, मेडिकल किट व्यवस्था नहीं है। विकलांगों के लिए सुविधाजनक सीट नहीं रखते, ना ही शिकायत पुस्तिका।