पालक संघ शिक्षण संस्थाओं से बस फिटनेस रिपोर्ट मांगे –

0 अन्यथा की स्थिति में शिकायत करें
0 सौ से अधिक बसें अनफिट..!
रायपुर। आरटीओ एवं ट्रैफिक पुलिस ने पिछले माह स्कूल खुलने के पूर्व स्कूल, कालेज-विश्वविद्यालयों की बसों को फिटनेस जांचा-परखा था। बावजूद सौ से अधिक बसें फिटनेस जांच (टेस्ट) में नहीं पहुंची। जिस पर उपरोक्त दोनों विभाग ने नोटिस जारी किया है।
बताया जा रहा है कि जिला- प्रशासन ने स्कूली बसों की पूर्व शिक्षा सत्रों में दुर्घटना, खराबी की शिकायतों को देर से सही पर गंभीरता से लिया। तत्संबंध में पुलिस ग्राउंड में राजधानी समेत आउटर के स्कूल-कालेजों की बसों की जांच की गई थी। तब सैकड़ों बसों में खामियां पाई गई -साथ ही दर्जनों बस चालक- परिचालक मेडिकल फिटनेस में फेल हुए थे।
तब आरटीओ, ट्रेफिक पुलिस ने स्कूल- प्रबंधनों से बसों में खामियां दूर करने एवं चालक-परिचालकों का इलाज कराने निर्देशित किया था। इस दौरान कई स्कूल- कालेज निजी विश्वविद्यालयों की बसें नहीं पहुंची थी, ऐसे सौ से अधिक बसों को प्रस्तुत करने नोटिस भी जारी हुआ था। बताया जाता है कि दर्जनों स्कूलों शिक्षण संस्थाओं ने टैक्स नहीं जमा किया हैं। लाखों का टैक्स उनसे लेना है जबकि विद्यार्थी से बस फीस (शुल्क) पूरा वसूलते हैं। देरी पर अर्थदंड भी।
खैर ! चर्चा है कि शिक्षण प्रबंधन अपनी पहुंच का अनुचित लाभ उठा फिटनेस जांच से बच रहें हैं। इस पर पालक संघ रोषित है। संगठन ने तमाम पालकों से कहा है कि वे शिक्षण संस्थाओं में बच्चों का प्रवेश कराते वक्त या बाद में भी- प्रबंधन से फिटनेस जांच रिपोर्ट-सर्टिफिकेट दिखाने कहें। या मेल- वाट्सअप से रिपोर्ट मंगाएं, नहीं देने पर जिलाधीश कार्यालय, आरटीओ, ट्रेफिक पुलिस,पालक संघ को शिकायत करें। और ऐसी स्थिति में बसों में बच्चों को ना भेजे। अगर प्रबंधन किसी तरह का दबाव, डर बनाता है तो उसकी भी जानकारी दें। तत्संबंध में ढिलाई, कोताही (लापरवाही) ना बरतें। शिक्षण संस्थाओं में बच्चे को सुरक्षा व्यवस्था प्राप्त करना पालक का अधिकार है।