भीम आर्मी चीफ पर हुआ जानलेवा हमला, कमर को जख्मी करते निकल गई गोली

लखनऊ। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर सहारनपुर में जानलेवा हमला हुआ है। हमलावरों ने जो गोली दागी वो उनके कमर को छूते हुए निकल गई है, जिससे वो बाल-बाल बच गए हैं। गोली से जख्मी आजाद का इलाज चल रहा है।
चार राउंड हुई फायरिंग

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर सहारनपुर में जानलेवा हमला हो गया है। बदमाशों द्वारा मारी गई गोली उनके कमर को छूते हुए निकल गई है। गोली से उनके कमर पर जख्म बन गया है जिसका इलाज चल रहा है। हमले में उनकी गाड़ी की शीशे टूट गए हैं। हमले के बाद चंद्रशेखर आजाद को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक देवबंद कस्बे में कार संख्या HR 70D 0278 गाड़ी से सवार होकर आए अज्ञात हमलावरों ने भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर चार राउंड फायरिंग की जिसमें एक गोली से चंद्रशेखर आजाद घायल हो गए।

कार्यकर्ता के घर के बाहर हुआ हमला

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद देवबंद में संगठन के एक साथी एडवोकेट अजय के घर गए थे। अजय की मां का 2 दिन पहले निधन हो गया था। चंद्रशेखर जैसे ही अजय के घर से निकले, तभी कार सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।

पार्टी ने ट्वीट कर लगाया आरोप

हमले की सूचना चंद्रशेखर के राजनीतिक दल आजाद समाज पार्टी ने ट्वीट कर दी। लिखा- देवबंद में राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला हुआ है। ये बहुजन मिशन मूवमेंट को रोकने का कायराना कृत्य है। आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी, सख्त कार्रवाई और चंद्रशेखर आजाद की सुरक्षा की मांग करते हैं।

उधर पुलिस का कहना है कि हमलावरों की कार एक जगह CCTV कैमरे में नजर आई है। पुलिस के मुताबिक बदमाशों की धरपकड़ के लिए पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी गई है।

जानिए चंद्रशेखर के बारे में

चंद्रशेखर ने 2015 में जातिगत उत्पीड़न का विरोध करने के लिए भीम आर्मी की स्थापना की। यहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ। 15 मार्च 2020 को उन्होंने आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) दल की स्थापना की। यह घोषणा बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक काशीराम की 86वीं जयंती पर की गई थी। इस पार्टी में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल के 98 पूर्व नेता शामिल हुए।

भीम आर्मी का बेस मुख्यतौर पर यूपी में है। भीम आर्मी सहारनपुर दंगों के वक्त साल 2017 में चर्चा में आई। इसकी वजह जाति संघर्ष थी। हिंसा के आरोपों के बाद चंद्रशेखर गिरफ्तार भी हुए थे। भीम आर्मी दलित शब्द के खिलाफ है और अंबेडकरवादी सोच वालों का स्वागत करती है। यह संगठन भारत में शिक्षा के माध्यम से दलित हिंदुओं की मुक्ति के लिए काम करता है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलितों के लिए मुफ्त स्कूल भी चलाता है।

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