चंद्रशेखर पर हमला करने वाले गिरफ्तार, बड़ा गैंगस्टर बनने के उद्देश्य से भीम आर्मी प्रमुख पर चलाई गोलियां

लखनऊ। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर हुए हमले के मामले में सहारनपुर पुलिस ने चार हमलावरों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो अवैध तमंचे भी बरामद किए हैं। पुलिस पूछताछ में चारों ने चंद्रशेखर को जान से मारने की नियत से हमला करने की बात कबूल की है। पकड़े गए चारों अपराधियों में तीन का आपराधिक इतिहास है। वहीं डीजीपी यूपी ने खुलासा करने वाली टीम को पचास हज़ार रुपए इनाम देने की घोषणा है।
चाहते थे चंद्रशेखर की हत्या करना
पकड़े गए चारों युवको में तीन का आपराधिक इतिहास है। DIG सहारनपुर, अजय कुमार साहनी ने प्रेस कान्फ्रेंस बताया कि, ‘हमलावर चंद्रशेखर आजाद का मर्डर करना चाहते थे। हांलाकि पुलिस को चंद्रशेखर पर हुए हमले का कोई ठोस मोटिव नहीं मिला है।’
पकड़े गए आरोपियों में लवीश, विकास और प्रशांत देवबंद के गांव रणखंडी के रहने वाले हैं।जबकि चौथा आरोपी विकास हरियाणा के करनाल का रहने वाला है।हमलावरों ने घटना वाले दिन 28 जून को रोहनाकला टोल पर चंद्रशेखर आजाद के आने की जानकारी मिली थी। इसके साथ ही शूटरों ने चंद्रशेखर की हत्या की ठान ली थी। आजाद के समर्थकों से शूटरों ने देवबंद में अगले कार्यक्रम की जानकारी भी ली थी।
ताकि गैंगस्टर के रूप में सुर्खियों में आ सकें
आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर पर हमला करने वाले चारों आरोपितों से पूछताछ करते हुए शनिवार को रात हो गई, लेकिन वह पुलिस को लगातार गुमराह करते रहे। हालांकि चारों आरोपितों ने स्वीकार किया कि वह बड़े गैंगस्टर बनना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हत्या करने का प्लान बनाया था। ताकि वह मीडिया में सुर्खियों में आ सके और फिर पुराने बदमाशों की तरह वह बड़े पैसों वालों से वसूली कर सके।
इस जंगल में बनी हमले की प्लानिंग
आरोपितों को पहले से पता था कि चंद्रशेखर अपने एक रिश्तेदार के यहां देवबंद आने वाला है। इसलिए दिन में ही उन्होंने रणखंडी गांव के जंगल में एक नलकूप पर प्लानिंग की। प्लानिंग के तहत आरोपितों में से हरियाणा के गोंदर गांव के विकास ने गाड़ी का इंतजाम किया। इसके बाद वह कार में बैठकर देवबंद में पहुंचे और चंद्रशेखर की कार निकलने का इंतजार करने लगे। चंद्रशेखर के निकलते ही आरोपितों ने थोड़ी देर बाद ही हमला कर दिया।
अच्छे हथियार होते तो वह नहीं बचता
आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उनके पास अच्छे हथियार नहीं थे। वह कई स्थानों पर हथियार खरीदने के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें किसी ने पिस्टल उपलब्ध नहीं कराया। इसके बाद उन्होंने एक ही तमंचे से कई गोलियां चंद्रशेखर की कार पर चलाई, लेकिन वह बच गए। आरोपितों का कहना है कि यदि उनके पास अच्छे हथियार होते तो वह चंद्रशेखर की हत्या कर देते।
जेलर पर हमला कर चुका है लविश
चारों आरोपितों में मुख्य आरोपित लविश है। लविश एक मामले में देवबंद जेल में बंद था। जिस समय लविश के परिवार वाले उससे मिलने के लिए आए तो जेलर ने मिलने से मना कर दिया था। इसके बाद लविश ने देवबंद जेल से बाहर निकलने के बाद जेलर पर ही गोली चला दी थी। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा था। अभी कुछ दिन पहले ही वह जमानत पर बाहर आया था।