सियाचिन में सेना के टेंट में लगी आग, कैप्टन अंशुमान हुए शहीद
NEW DELHI: सियाचिन ग्लेशियर में स्थित सेना के बंकर में बुधवार को आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि उसकी चपेट में टेंट भी आ गए। जिससे बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में सेना के एक अधिकारी शहीद हो गए हैं। इसके अलावा कई लोग घायल भी बताए जा रहे हैं। घायलों को सियाचिन ग्लेशियर से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया है।
आग लगने की यह घटना सुबह साढ़े तीन बजे के आसपास हुई। घायलों में एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल है। सेना के जवानों ने आग की चपेट में आए घायल सैन्य कर्मियों को अस्पताल पहुंचाया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। सियाचिन में लखनऊ निवासी रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हुए हैं। टेंट में आग लगने से हुए हादसे में शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह यूपी की राजधानी लखनऊ के रहने वाले बताए जा रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।
अंशुमान के पिता ने कहा – हमें उस पर नाज है
कुछ दिन पहले ही अंशुमान आया था। वह हर किसी की मदद को तैयार रहता था। सियाचिन में भी दूसरों की मदद करते हुए अपनी जान दे दी। डॉ. अंशुमान के पिता बताते हैं कि बेटा शहीद हो गया, लेकिन उसने अपने साथियों की जान बचा ली। हमें उस पर नाज है।
CM योगी ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सियाचिन में शहीद हुए जनपद देवरिया निवासी सेना के कैप्टन अंशुमान सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की भी घोषणा की है। उन्होंने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद अंशुमान सिंह के नाम पर करने की भी घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ हैं। प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के परिवार को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है सियाचिन
जानकारी के मुताबिक हादसे में लेफ्टिनेंट रैंक का एक अधिकारी समेत 6 लोग घायल हुए हैं जिसमें तीन पोर्टर भी शामिल है। बता दें कि करीब 20,000 फुट की ऊंचाई वाले सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र माना जाता है। यह हिमालय के पूर्वी काराकोरम पर्वत श्रंखला में स्थित है। ठंड में यहां तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे तक पहुंच जाता है।