Sharad Poornima 2025: अमृत खीर और भक्ति का उत्सव! रायपुर के दूधाधारी मठ में रातभर होगा जागरण और दर्शन

Sharad Poornima 2025: रायपुर के प्रसिद्ध दूधाधारी मठ में आज रात शरद पूर्णिमा के अवसर पर विशेष धार्मिक आयोजन किया जाएगा, जो भक्तों के लिए अत्यंत पावन और उत्सवपूर्ण रहेगा।
Sharad Poornima 2025: छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर के प्रसिद्ध दूधाधारी मठ में आज रात शरद पूर्णिमा के अवसर पर विशेष धार्मिक आयोजन किया जाएगा, जो भक्तों के लिए अत्यंत पावन और उत्सवपूर्ण रहेगा। इस मौके पर मंदिर प्रशासन द्वारा पूरे कार्यक्रम की विस्तृत व्यवस्था की गई है। मुख्य आकर्षण रहेगा जब बालाजी भगवान को उनके गर्भगृह से बाहर लाया जाएगा, ताकि श्रद्धालु रात के समय उनके दर्शन कर सकें।
Sharad Poornima 2025: शरद पूर्णिमा की क्या है मान्यता…
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की पूर्ण रोशनी में भगवान के दर्शन करने से विशेष आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं और आस्था बढ़ती है। इस अवसर पर मठ में भजन-कीर्तन और धार्मिक प्रवचन भी होंगे, जिसमें श्रद्धालु भाग लेकर अपने मन और आत्मा की शुद्धि कर सकते हैं। इसके साथ ही, मंदिर प्रशासन द्वारा तैयार की गई अमृत खीर का वितरण भी किया जाएगा, जिसे भक्त ‘अमृत खीर’ के रूप में ग्रहण करेंगे और इसे खाने से स्वास्थ्य और पुण्य दोनों की प्राप्ति मानी जाती है।
शरद पूर्णिमा का महत्व
शरद पूर्णिमा, हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है और इसे चंद्रमा की पूर्णिमा के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन चंद्रमा की किरणों में असीम स्वास्थ्य, शक्ति और आयुर्वृद्धि होती है। इस अवसर पर घरों में खीर और अन्य मीठे पकवान बनाए जाते हैं, जिन्हें रातभर चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है और इसे ‘अमृत खीर’ कहा जाता है।
कहा जाता है कि इसका सेवन स्वास्थ्य और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है। शरद पूर्णिमा की रात को भक्तजन जागरण करते हैं, भजन-कीर्तन और पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है। आयुर्वेद और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा की रोशनी में रखे गए भोजन का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, ताजगी और शांति देने में सहायक होता है। इस तरह, शरद पूर्णिमा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह भक्ति, स्वास्थ्य, आध्यात्मिक लाभ और सामाजिक समृद्धि का संदेश भी देती है
बंटेगी ‘अमृत खीर’
दूधाधारी मठ में शरद पूर्णिमा के अवसर पर विशेष खीर का वितरण किया जाएगा, जिसे भक्त ‘अमृत खीर’ के रूप में ग्रहण करेंगे। मान्यता है कि इस खीर का सेवन करने से सर्वव्याधियों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
मंदिर में होने वाली विशेष गतिविधियाँ
रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन
बालाजी भगवान के गर्भगृह से प्रकट होने का विशेष दर्शन
‘अमृत खीर’ का वितरण सभी भक्तों में
धार्मिक प्रवचन और मंत्रोच्चारण
प्रशासन ने कहा है कि भक्तों को दर्शन के लिए समय पर पहुंचना चाहिए और सभी सुरक्षा और स्वास्थ्य नियमों का पालन करना आवश्यक है। इस प्रकार, दूधाधारी मठ में शरद पूर्णिमा का यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह आस्था, भक्ति, सामाजिक एकता और आध्यात्मिक उन्नति का भी संदेश देता है