वक्त रहते युवा यथार्थ को समझें..!

0 अन हेल्दी – हेल्दी लाइफ को जानें-समझें
0 आपका आलोचक वास्तव में शुभचिंतक है

रायपुर। आज की युवा पीढ़ी महज कथित शान, आधुनिक लाइफ स्टाइल के चक्कर में अपना स्वास्थ्य व भविष्य दोनों तबाह कर रहा है। बाहर का खाना-पीना एक तरह से लत बन गई है, जिसमें बुरी तरह जकड़े (फंसे) युवाओं को घर का बना हेल्दी भोजन-पानी रास (पसंद) नहीं आता।

अपनी कथित बिंदासी में डूबे युवाओं को इस बात की चिंता नहीं कि उनका जीवन किस दिशा में जा रहा है। उसे घर-परिवार या शुभचिंतक की सलाह-राय बुरी लगती है। आलोचना समझ वह आक्रमक मुद्रा में आ जाते हैं। यह स्थिति गंभीर है।

अनहेल्दी भोजन – नाश्ता सुबह देर से उठना, अगर व्यायम या सुबह टहलने जाना हो तो ईयरफोन लगा तेज म्यूजिक सुनना। अपरान्ह नहाना-धोना, बाहर का जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, ध्रूमपान, शाम-देर रात दोस्तों के संग बाइक में घूमना, मस्ती करना, तंग या जानबूझकर फाड़े गए जींस टी शर्ट पहनना, शाम ढलते रात होने तक चौपाटी पर खाते-पीते मस्ती करना पैदल हो या बाइक चलाते घर-पर रहते ज्यादातर समय मोबाइल पर अनावश्यक गपियाते रहना, इन्हीं सबके लिए बढ़ा रखे जेब खर्च वास्ते घर- परिवार के सदस्यों को तंग करना, यहां तक कि चोरी, लूटपाट, रहाजनी आदि कोई पहचान न ले, सोच चेहरे पर नकाब चढ़ा लेना आदि, सब एक तरह से फैशन या लाइफ स्टाइल बना ली है। इनमें से कोई भी चीज से रोक, प्रतिबंध होने पर चिड़चिड़ाना, क्रोध करना आम बात हो गई है। देर मध्य रात बाद तक मोबाइल फोन पर (1-2 ढाई बजे तक) गपियाना या मैसेज करना, पढ़ना, चैटिंग,वाट्सअप खंगालना जीवन का हिस्सा बना लिया है उपरोक्त तमाम चीजें, आदतें, स्टाइल हरकतें या शौक सिर्फ और सिर्फ बरबादी की ओर ले जाता है।

युवा अगर वाकई अच्छा जीवन (लाइफ) चाहते हैं तो उन्हें उपरोक्त सारी चीजों से मुंह मोड़ना (त्यागना) होगा। उन्हें सकारात्मक सोच बनानी होगी। सुबह जल्दी उठकर व्यायाम, टहलना (बगैर संगीत), जल्दी फ्रेश होकर ध्या -मनन चिंतन, पूजा-पाठ उपरांत घर का बना स्वास्थ्यवर्धक नाश्ता (जलपान) परिवार बड़ों, रिश्ते-नातेदारों, शुभचिंतकों की सालाह, राय, मशविरा पर गौर करना होगा। तनाव लेने से बचना होगा।

युवा घर-परिवार समेत खुद (कैरियर) वास्ते समय निकालें। दोपहर- रात में स्वास्थ्यवर्धक भोजन यानी हेल्दी डाइट लें। गलतियों से सीखें, दूसरों से कथित तुलना ना करें। अच्छा पढ़ना- लिखना अपनाएं। साहित्य पढ़ें, समाचार, पत्र पत्रिकाएं पढ़ें या टीवी चैनल न्यूज़ सुनें।

यथासंभव अपनी सृजनात्मक, रचनात्मक हॉबी को समय दें। मसलन लिखना, पढ़ना, संगीत, गायन, चित्रकला, नृत्य, धार्मिक, खेलना-कूदना आदि यथासंभव घर- परिवार, खानदान, समाज, प्रदेश, देश- दुनिया में चल रहे रचनात्मक, सृजनात्मक कार्यों पर नजर रखना- चर्चा करना। अपराधों, गलत कार्यों से सतर्क रहना।

युवाओं में मोटापा,अनिद्रा, नशा, एसेसरीज पर अत्यधिक निर्भरता आदि पर विराम लगाया जा सकता है। अगर युवाजन घर की बात दफ्तर, दफ्तर की बात घर पर न ले जाए न लाएं। बच्चों को समय दें। नाश्ता – भोजन परिवार के साथ करें। घर पर परिवार, खानदान, नातेदार, रिश्तेदार, समाज वालों के साथ जुड़े। अच्छे मित्र बनाएं। दिन में कई बार मुस्कुराएं, हंसे, मजाक करें। निरर्थक सपने देखने की बजाय मेहनत का चुनाव करें। पसंदीदा कार्य को पूरा करने जुनून बनाएं। मानव जीवन एक बार मिलता है इसे यूं ही दोस्ती, यारी, मौज-मस्ती, नशाखोरी, आधुनिक लाइफ स्टाइल के चक्कर में न गवाएं, बल्कि सार्थक जीवन जीएं। बड़ों से चर्चा कर अनुभव का लाभ लें। आपका चाहने वाला शुभचिंतक, आपके करियर पर गंभीर व्यक्ति, परिवार, रिश्तेदार आपकी आलोचना करता है, तो बुरा ना मानें। वह आपका बड़ा हितैषी है।

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