स्नान कर के ही पूजा में बैठें। साफ सुथरा वस्त्र धारण करें। आसन स्वच्छ होने चाहिए, पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह कर के ही पूजा करें। शिव की परिक्रमा पूरी नहीं की जाती, शिव की आधी परिक्रमा की जाती है। शिव पूजन में चंपा के फूल का प्रयोग नहीं किया जाता। बिल्व पत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं (खंडित बिल्व पत्र न चढ़ाएं), बिल्व पत्र के उपरांत आक के फूल, धतुरा फूल, अपराजिता का फूल, कनेर का फूल चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा करें। शिव की मूर्ति या शिवलिंग पर अबीर-गुलाल, चन्दन (सफ़ेद) अगरबत्ती धुप (गुग्गुल) दूर्वा, चावल, (सफेद), नारियल, फल,मिठाई, पान-सुपारी,जनेऊ, पंचामृत, आसन, कलश, भगवान शिव का पूजन करें।
शिव की पूजा उपरांत शिव चालीसा का पाठ करें। पंचअक्षरी मंत्र (ॐ नमः शिवाय) का जाप करें। पूजा के अंत में दीपक, शंख, घंटी से आरती करें।