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Manipur Violence: मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, अमित शाह ने बुलाई बड़ी बैठक

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा फैले एक साल का समय हो गया, लेकिन अभी भी यह रुकने का नाम नहीं ले रही है।

Manipur Violence: नई दिल्ली। सरकार बनने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर में फैली हिंसा को लेकर संवेदनशील है। उनके नेतृत्व में मणिपुर के मौजूदा हालत में चर्चा करने के लिए एक हाई लेवल मीटिंग चल रही है, जिसमें केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला, आईबी के प्रमुख तपन डेका, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्वीवेदी सहित सभी बड़े अधिकारी पहुंच गए हैं।

बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी। तब से जारी हिंसा में कुकी और मेइती समुदायों तथा सुरक्षा बलों के 220 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने 10 जून को मणिपुर में एक साल के बाद भी शांति नहीं कायम होने पर चिंता जताई थी।

मोहन भागवत ने मणिपुर को लेकर जताई थी चिंता
भागवत ने नागपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है। दस साल पहले मणिपुर में शांति थी। ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है।’

‘मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार’
उन्होंने कहा था कि मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा। चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अशांति या तो भड़की या भड़काई गई, लेकिन मणिपुर जल रहा है और लोग इसकी तपिश का सामना कर रहे हैं।

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