AC Chair Car Fare: यात्रीगण कृपया ध्यान दे, अब इतना सस्ता होने वाला है ट्रेन का किराया

Indian Railways: रेल मंत्रालय ने ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत दी है। वंदे भारत ट्रेन और एसी चेयर यान वाले ट्रेनों का किराया घटाने का फैसला लिया गया है। रेल मंत्रालय ट्रेनों में अधिक यात्रियों के सफर करने के मद्देनजर एसी सिटिंग वाली ट्रेनों के किराए में छूट देगा। रियायत के लिए मंत्रालय जोनल रेलवे को अधिकार सौंपेगा।

कितना घट जाएगा किराया
रेल मंत्रालय के इस फैसले के बाद वंदे भारत समेत सभी ट्रेनों की एसी चेयर कार, एक्जीक्यूटिव क्लास (AC chair car, executive class of all trains including Vande Bharat) का किराया 25 फीसदी तक कम कर दिया जाएगा। यह योजना विस्टाडोम कोचों सहित एसी सिटिंग की सुविधा वाली सभी ट्रेनों की एसी चेयर कार और एक्जीक्यूटिव क्लास में लागू होगी। किराए में छूट अधिकतम 25 फीसदी तक होगा। वहीं अन्य चार्ज जैसे रिजर्वेशन चार्ज, सुपर फास्ट सरचार्ज, जीएसटी (Reservation Charge, Super Fast Surcharge, GST) आदि, जो भी हो अलग से लगाए जाएंगे। वहीं कैटेगरी के हिसाब से छूट दी जा सकती है। पिछले 30 दिनों के दौरान 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी वाली ट्रेनों पर गौर किया जाएगा। इसके बाद ऑक्यूपेंसी के आधार पर इन ट्रेनों में किराए में छूट दी जाएगी।

कब से कम होगा किराया और कैसे
किराए में छूट देते वक्त दूरी और किराए पर भी गौर किया जाएगा। किराए में छूट पहले चरण या यात्रा के आखिरी चरण या मध्य में दिया जा सकती है। हालांकि शर्त ये होगी कि उस खंड या चरण में कुल ऑक्यूपेंसी 50 फीसदी से कम हो। छूट तत्काल प्रभाव से लागू की जाएगी। हालांकि पहले से बुकिंग कर चुके हुए यात्रियों को किराए का कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा।

कबतक दी जाएगी छूट
किराए में छूट जोनर अधिकारी की ओर से तय अवधि के लिए लागू होगा, जो इसके लागू होने से यात्रा की तारीखों के लिए अधिकतम छह महीने के लिए होगी। रियायती किराया मांग के आधार पर पूरी अवधि या आंशिक या महीने या सप्ताह या छह महीने के लिए दिया जा सकता है।

इंटर जोनल O-D पेयर्स या डेस्टिनेशन, डिस्काउंट केआरसीएल (Inter Zonal O-D Pairs or Destination, Discount KRCL) के मामले में अन्य जोनल रेलवे के पीसीसीएम या एमडी या सीओएम या सीसीएम के परामर्श से किराए में छूट दी जा सकती है। आगे की समीक्षा नियमित रूप से की जाएगी और ऑक्यूपेंसी के आधार पर छूट को संशोधित या विस्तार या फिर वापस लिया जा सकता है। अगर योजना में छूट में संशोधन का फैसला लिया जाता है तो उसे तत्काक प्रभाव से लागू भी किया जा सकता है।

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