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Chhattisgarh News : सरकार होलसेल कॉरिडोर बना रही है. हर व्यापारी राज्य का हिस्सा है, सभी को समान अधिकार हैं, एक आम व्यापारी के अधिकार हैं

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Chhattisgarh News : व्यापारियों का कहना है कि चैंबर ऑफ कॉमर्स इस मामले में हस्तक्षेप करने वाला कौन होता है…!

Chhattisgarh News :  होलसेल कॉरिडोर नवा रायपुर का महज भूमि पूजन तत्कालीन सीएम ने किया था।  Chhattisgarh News अभी भूमि का लैंडयूज ही बदला है। टेंडर-आबंटन जैसी बात दूर-दूर है। पर तमाम व्यापारी बंधु दो भागों में बंट गए हैं। एक का कहना है कि कैबिनेट में पास हो गया है तो दूसरा का कहना है कि अभी आबंटन नहीं हुआ न ही टेंडर। लिहाजा पुनर्विचार होना चाहिए। इस बीच तीसरे पक्ष दलील है कि हजारों व्यापारी ऐसे हैं जिन्हें आज तक किसी योजना का लाभ नहीं मिला है। उन्हें प्राथमिकता होलसेल कॉरिडोर में दी जा सकती।

एक बड़े नामी व्यापारी नेता का कहना है कि दरअसल विवाद उठने का बीजारोपण खुद चैंबर ऑफ कॉमर्स ने किया है। जिसने व्यापारियों को खबर दी थी कि भूमि आवंटन के लिए चेंबर में आवेदन करें। इतना ही नहीं चेंबर के माध्यम से शासन को आबंटन के लिए एक साथ पत्र भेजा जाएगा। हद तब हो गई जब कहा गया कि सिर्फ उन व्यापारियों के आवेदन लिए जायेंगे जो चेंबर के सदस्य हैं। इसी जगह विरोध फूटा है। व्यापारियों का कहना है कि चेंबर मोनोपल्ली (एकाधिकार) दिखाना चाहता है। जो सरासर गलत है। इसी शर्त को लेकर अन्य व्यापारिक संगठन विरोध में सराफा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू कहते हैं कि आबंटन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। लिहाजा योजना पर पुनर्विचार होना चाहिए। पारदर्शिता बेहद जरूरी है। चेंबर ऑफ कॉमर्स केप्रदेशाध्यक्ष अमर पंजवानी कहते हैं कि जिन्हें भी आपत्ति हो लिखकर दें सकते हैं। शासन विचार करेगा अपने स्तर पर। कैबिनेट से कॉरिडोर पास हो गया है। छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन की प्रदेशाध्यक्ष योगेश अग्रवाल का कहना है कि हम योजना का विरोध नहीं कर रहे है। पर हजारों ऐसे व्यापारी हैं जिन्हें अब तक किसी योजना का लाभ नहीं मिला (जबकि उधर अधिकांश ऐसे भी है। जिन्हें किसी योजना का लाभ आज तक नहीं मिला)

होलसेल कॉरिडोर वास्ते टेंडर नहीं हुआ है। न ही आबंटन प्रक्रिया शुरू हुई है। बावजूद व्यापारी संगठनों में खींचतान शुरू हो गई है। चैंबर को छोड़ तमाम अन्य सभी संगठन पूरी प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने की मांग कर आवाज उठा रहे हैं। एक व्यापारी नेता कहते हैं कि किसने अधिकार दिया हैं चैम्बर ऑफ कॉमर्स व्यापारियों से आबंटन ततसंदर्भ में आमंत्रित किया था। जबकि जमीन सरकार की है। मामला सरकार के पास है। फिर पूछते हैं कि क्या जो व्यापारी बंधु, किसने अधिकार के सदस्य नहीं है। वे लोग व्यापारी वर्ग से नहीं है। फिर पूछते हैं सवाल करते हैं चैंबर ऑफ कॉमर्स होता कौन है। इस मामले में हस्तक्षेप करने वाला। सरकार होलसेल कॉरिडोर बनवा रही है तो कोई भी क्षेत्र का व्यापारी इस हेतु खुद आवेदन कर सकता है। क्योंकि वह राज्य का अंग है।

(लेखक डॉ. विजय)

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