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स्वास्थ्य कर्मियों की प्रस्तावित हड़ताल से बिगड़ेगी व्यवस्था

रायपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के हजारों कर्मी 4 जुलाई से बेमुद्दत हड़ताल पर जा रहे हैं, जिससे सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमराने की आशंका है।

वेतनमान संशोधन संबंधी प्रमुख मुद्दे को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारी महासंघ अरसे से जुटा हुआ है। बताया जा रहा है कि सन 2018 में ही मांग पर विभाग ने विचार कर उसे सरकार के पास भेज दिया था। परंतु मामला तब से अटका पड़ा है। इधर महासंघ का कहना है कि वह कई मर्तबे, शासन का ध्यान आकृष्ट करा चुका है। पर मांग ज्यों की त्यों पड़ी है। सरकार को हड़ताल की सूचना दी जा चुकी है।

बहरहाल ऐन बारिश के सीजन में सरकारी, अस्पतालों में 50 हजार से अधिक कर्मी बेमुद्दत हड़ताल पर जाते हैं, तो छोटे-मंझोले शहरों, पंचायतों, ब्लॉकों में स्थिति गंभीर हो सकती है। वजह उक्त इलाकों में स्तरीय निजी चिकित्सा सेवा भी उपलब्ध नहीं है।

प्रस्तावित हड़ताल में एम्बुलेंस वाहन चालक, नर्स, प्रयोगशाला कर्मी, कार्यालय कर्मचारी आदि शामिल होंगे। वाहनों के उपलब्ध ना होने से मरीज को शारीरिक एवं परिजनों को आर्थिक हानि अलग उठानी पड़ेगी। इसके साथ ही इलाज-दवा का खर्च अलग। सूत्र बताते हैं कि सरकार कोशिश में लगी है कि कर्मी हड़ताल टाल दें। फिलहाल सरकार के पास उक्त संभावित हड़ताल से निपटने तैयारी नहीं है

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