बीसीसीआई दीगर खेलों का बने मसीहा

० देश हित में सोचे – विचारे

रायपुर। आई सी सी वन डे विश्व कप 2023 का कार्यक्रम घोषित होते ही, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) टूर्नामेंट की तैयारी करने में जुट गया है। देश के अलग-अलग 10 स्टडियमों में 48 मैच खेले जायेंगे। मेजबानी करने वाले क्रिकेट स्टेडियमों को तैयारी वास्ते बोर्ड 50-50 करोड़ रुपए आबंटित करने जा रहा है। दूसरी ओर भारतीय फुटबॉल या हाकी संघ की आर्थिक दशा अच्छी नहीं है। वह चाहकर भी अपने स्टेडियमों को उन्नत बनाने खर्चा करने की स्थिति में नहीं है। और ना ही खिलाड़ियों को अच्छा सम्मानजनक परिश्रमिक (फीस) दे पाती है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड चाहे तो खेल भावना का परिचय दे फुटबॉल-हाकीसंघों, एथलेटिक्स संघों को मदद कर सकता है।

इसे विडंबना नहीं तो क्या कहा जाए कि जिस देश में कभी हाकी खेल उसकी पहचान होती थी, वहीं पर वह खेल हांफ रहा हो। कुछ ऐसे ही हालात फुटबॉल, एथलेटिक्स के हैं। जहां अर्थाभाव के कारण चाहकर भी संबंधित संघ अपने खिलाड़ियों, स्टेडियमों के विकास के लिए कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं। जिसके चलते ना तो सही प्रतिभाएं सामने आ पा रही है और ना ही जो उभरे या स्थापित खिलाड़ी हैं, उन्हें समुचित पैसा, सुविधा मिल रही है। नतीजतन वे अपना 100 प्रतिशत योगदान खेल को नहीं दे पा रहे हैं। उन्हें अर्थाभाव से निपटने छोटी- बड़ी, मंझोले नौकरी, व्यवसाय करना पड़ रहा है। और अपना समय जाया करते हैं।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) विश्व का सबसे धनी क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड है। जिसकी तूती आईसीसीआई में बोलती है। बेशुमार पैसा, संपदा -सुविधा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पास है। वह अगर खेल भावना से थोड़ा सोचे विचारे- देशहित में, तो हाकी, फुटबॉल, एथलेटिक्स के खिलाड़ियों का ना केवल भला होगा बल्कि वे भारत का नाम ऊंचा कर सकेंगे। एक बड़े भाई (क्रिकेट) के तौर पर इसे विचारना होगा।

बोर्ड अक्टूबर-नवंबर में खेले जाने वाले वन डे विश्व कप 2023 प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रहा है। तत्संबंध में क्रमशः अहमदाबाद, दिल्ली, लखनऊ, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे में स्थित क्रिकेट स्टेडियमों को तैयारी के लिए 50-50 करोड़ रुपए बोर्ड दे रहा है। आगे और भी राशि दे सकता है। प्रतियोगिता के दौरान अरबों खर्च होंगे। ध्यान रहे इतना धनी, संपन्न हमारा क्रिकेट बोर्ड भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के चलते आगे बढ़ पाया (संपन्न हुआ)। इन्हीं खिलाड़ियों के भाई-बहन, मित्र, परिजन, देशवासी फुटबाल, हाकी, एथलेटिक्स में देश के लिए खेलते हैं। जिनकी आर्थिक दशा (संघों की भी) अच्छी नहीं है। क्या इन्हें बोर्ड मदद नहीं कर सकता ?

छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी हाजी परवेज शकीलुद्दीन( रायपुर) कहते हैं कि बोर्ड चाहे तो देश में 100 शहरों को चुनकर उनके अंदर उपरोक्त खेलों के स्टेडियमों, संघों को महज 2-2करोड़ की आर्थिक मदद कर उबार सकता है। संभव है, ऐसी पहल से उपरोक्त खेलों में अच्छी उम्दा दो-दो टीमें निकाला जाये। (ए प्लस बी टीम) बकौल हाजी परवेज बोर्ड मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर अपना कद देश में ऊंचा कर सकता है। महज कुछ अरब की सहायता कर बोर्ड अपनी लोकप्रियता और बढ़ा सकता है तो वहीं पतन के मार्ग पर जो खेल हैं, उन्हें निकालकर मसीहा बन सकता है।

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