विपक्षी गठबंधन का नाम रखा गया “INDIA”, चार बिंदुओं पर बैठक में हुआ फैसला

बेंगलुरु: विपक्षी दलों की बैठक से एक बड़ी खबर सामने आई है। विपक्षी दलों ने अपने नए गठबंधन का नाम ‘INDIA’ (इंडिया) रखा है। इसका आधिकारिक एलान भी हो चुका है। इंडिया का पूरा नाम होगा- इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस। बैठक में शामिल विपक्षी दलों के कई नेताओं ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

आइए समझते हैं…
कैसे शुरू हुई गठबंधन की चर्चा ?

विपक्षी दलों की बैठक बेंगलुरु में हुई। नाम पर चर्चा के बाद एक-एक करके दलों के नेताओं और पार्टियों के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट किए जाने लगे। लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने लिखा, ‘विपक्षी दलों का गठबंधन भारत का प्रतिबिंब है!’
I – Indian
N – National
D – Developmental
I – Inclusive
A – Alliance

 

हिंदी में इसे भारतीय राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समावेशी गठबंधन नाम दिया गया है। 26 दलों के नेता इस नाम पर सहमति बना चुके हैं और बेंगलुरु बैठक में चार अहम मुद्दों पर सहमति बनने की खबर सामने आ रही है। इस बैठक में यूपीए की तर्ज पर राज्यवार गठबंधन, सीट बंटवारे समेत महागठबंधन के नए नाम पर चर्चा हुई है। बैठक में सभी दलों के साथ समन्वय और तालमेल के लिए एक संयोजक बनाने पर चर्चा हुई है। सूत्र बताते हैं कि सोनिया गांधी या नीतीश कुमार में से किसी एक को संयोजक बनाया जा सकता है। सोनिया गांधी के नाम पर किसी भी दल को कोई एतराज नहीं होगा। क्योंकि वे पीएम पद की दावेदार भी नहीं होंगी। हालांकि अगर इस पद को लेकर कोई विवाद उठेगा तो कांग्रेस इससे पीछे भी हट सकती है।

चार बिंदुओं पर बैठक में हुआ फैसला

सूत्रों के मुताबिक, इस दूसरी अहम बैठक में कांग्रेस चाहती है कि यूपीए की तर्ज पर सभी विपक्षी पार्टियों की चेयरपर्सन सोनिया गांधी हों। क्योंकि वह सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस की नेता हैं और पीएम पद की वे दावेदार नहीं हैं। हालांकि पटना की बैठक में कुछ दलों के नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने की बात रखी थी। अगर अधिकांश दल नीतीश के नाम पर राजी होते हैं तो कांग्रेस पार्टी भी इस बात को मान लेगी।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने एक सुर में कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि 2024 का लोकसभा चुनाव मोदी बनाम विपक्षी गठबंधन होगा, बल्कि इसे मोदी बनाम जनता का रूप दे दिया जाए। इसके लिए मौजूदा मुद्दों पर ज्यादा फोकस किया जाए। इसमें युवा, किसान, महिला और बेरोजगारी के मुद्दों को उठाया जाएगा।

विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक में कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टियों में एकता और समन्वय स्थापित करने के लिए एक संयोजक भी बनाया जाए। इसके अलावा चुनावों में राज्यवार कौन से मुद्दों को प्राथमिकता से उठाना है, केंद्र सरकार को कैसे घेरना है जैसे सभी मुद्दों को तय करने के लिए अलग से नेताओं का एक समूह (ग्रुप) बनाया जाए। न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर भी इस तरह फैसला होगा। इसके अलावा राज्यों में नेताओं से बात करने के लिए अलग अलग वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि एक ग्रुप और बनाया जा सकता है, जो ये तय करेगा कि किन मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना है या संसद के सत्र में सरकार के खिलाफ क्या रणनीति बने साथ ही सीट शेयरिंग का फार्मूला क्या होना चाहिए।

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