चौक-चौराहो पर मानिटरिंग जरूरी

– संदर्भ-टाटीबंध चौक

रायपुर। टाटीबंध चौराहे पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज पर देर से सही संबंधित एजेंसी ने,दुर्घटना रोकने रोटरी लगा आवागमन सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। जो सराहनीय है।

बेहतर होता एजेंसी या कार्य साथ ही मानिटरिंग (वालिंटियर्स ) भी पहले से करती। तो दर्जनों अकाल मौतों रोकी जा सकती थी। बहरहाल मानसून सीजन में धूल तो थमेगी पर कीचड़ (पासिंग रोड -चौक) पर फैलेगा। लिहाजा समुचित रोकथाम करने होंगे। एजेंसी इस दिशा में और प्रयास करें तो दुर्घटनाओं पर वहां काबू पाया जा सकता है।

दुर्ग -भिलाई से रायपुर की ओर, रायपुर से दुर्ग भिलाई की ओर, भनपुरी से रायपुर, रायपुर से भनपुरी, भनपुरी से सरोना, सरोना से रायपुर मार्ग पर प्रतिदिन हजारों गाड़ियां आ-जा रही है। या क्रम 24 घण्टे जारी है।अतः मानिटरिंग काम आसान नहीं है। पर पिक हावर्स (व्यस्त समय) में इस समय पर ध्यान केंद्रित कर दुर्घटनाएं काफी हद तक रोकी जा सकती है।

मानसून आ चुका है लिहाजा पुलिस -प्रशासन को कुछ वालिंटियर अस्थाई ही सही लेकर राजधानी से लगे (आडटरों) चौक-चौराहों, प्रमुख मार्गों पर भी निगरानी व्यवस्था कड़ाई से शुरू की जानी चाहिए। वाहनों के लिए परिवहन विभाग, ने 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा समयावधि रखी गई है। उसे 25 से 35 किलोमीटर- मानसून सत्र में (सीजन) में किया जाना चाहिए। आखिर दुर्घटना से देर भली स्लोगन परिवहन-ट्रैफिक विभाग का ही है।

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