Wed. Oct 15th, 2025

PM मोदी ने RSS की शताब्दी पर विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS की स्थापना के 100 वर्ष विजयदशमी पर पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर पीएम मोदी ने राष्ट्र के प्रति आरएसएस के योगदान को दर्शाने वाला एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 100 साल पूरे होने के मौके पर दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में बड़ा कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप से डिजाइन किया गया स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया। इस अवसर पर उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित भी किया। पीएम मोदी ने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों ने कभी कटुता नहीं दिखाई। चाहे प्रतिबंध लगे या साजिश हुई हो। सभी का मंत्र रहा है कि जो अच्छा है, जो कम अच्छा, सब हमारा है। इस दौरान मंच पर संघ के सर-कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी मौजूद थे।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी खुद लंबे समय तक RSS के प्रचारक रहे हैं और बीजेपी में आने से पहले उन्होंने RSS के लिए काफी काम किया है। आज भी बीजेपी अपनी वैचारिक प्रेरणा RSS से लेती है। आरएसएस की स्थापना साल 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। संघ का उद्देश्य था सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना। कल दशहरा है और इस दिन RSS की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं।

‘जब भी आपदा आई,स्वयं सेवक सबसे आगे खड़े थे’

विभाजन की पीड़ा ने लाखों परिवारों को बेघर किया, स्वयं सेवक सबसे आगे खड़े थे। यह केवल राहत नहीं राष्ट्र की आत्मा को संबल देने का काम था। 1956 में अंजार के भूकंप में भी स्वयं सेवक राहत बचाव में जुटे थे। गुरुजी ने लिखा था- किसी दूसरे के दुख का दूर करने खुद कष्ट उठाना निस्वार्थ हृदय का परिचायक है- PM मोदी

  • ‘आजादी के बाद भी संघ को मुख्य धारा में आने से रोकने के लिए षड्यंत्र हुए’

    संघ का लक्ष्य एक ही रहा एक भारत-श्रेष्ठ भारत। राष्ट्र साधना की यात्रा में ऐसा नहीं कि संघ पर हमले नहीं हुए, आजादी के बाद भी संघ को मुख्य धारा में आने से रोकने के लिए षड्यंत्र हुए। पूज्य गुरुजी को जेल तक भेजा गया। जब वे बाहर आए तो उन्होंने कहा था- कभी कभी जीभ दांतों के नीचे आकर दब जाती है, कुचल जाती है लेकिन हम दांत नहीं तोड़ देते, क्योंकि दांत भी हमारे हैं जीभ भी हमारी है- PM मोदी

  • ‘संघ ऐसी भूमि है, जहां से स्वयं सेवक की अहं से वयं की यात्रा शुरू होती है’

    हेडगेवार जी कहते थे, जैसा है वैसा लेना है, जैसा चाहिए वैसा बनाना है। लोकसंग्रह का तरीका समझना है तो कुम्हार को देखते हैं। जैसे ईंट पकाना है तो पहले मिट्‌टी लाता है, आकार देता है, खुद भी तपता है, ईंट भी तपाता है। ऐसे ही हेडगेवार जी बिल्कुल सामान्य व्यक्ति को चुनकर देश के लिए तैयार करते थे। संघ के बारे में कहा जाता है कि इसमें सामान्य लोग मिलकर असामान्य काम करते हैं। संघ ऐसी भूमि है, जहां से स्वयं सेवक की अहं से वयं की यात्रा शुरू होती है। शाखा में व्यक्ति का सामाजिक, मानसिक विकास होता है। उनके मन में राष्ट्र निर्माण का भाव पनपता रहता है- PM मोदी

  • ‘संघ की एक धारा,बंटती गई, राष्ट्र निर्माण करती गई’

    जिन रास्तों में नदी बहती है,उसके किनारे बसे गांवों को सुजलां सुफलां बनाती है। वैसे ही संघ ने किया। जिस तरह नदी कई धाराओं में अलग अलग क्षेत्र में पोषित करती है,संघ की हर धारा भी ऐसी ही है। समाज के कई क्षेत्रों में संघ लगाातार काम कर रहा है। संघ की एक धारा, बंटती तो गई, लेकिन उनमें कभी विरोधाभास पैदा नहीं हुआ, क्योंकि हर धारा का उद्देश्य, भाव एक ही है, राष्ट्र प्रथम। अपने गठन के बाद से ही RSS विराट उद्देश्य लेकर चला राष्ट्र निर्माण, इसके लिए जो रास्ता चुना। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, जो पद्धति चुनी वह थी शाखा- PM मोदी

  • ‘स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि’

    आज RSS से जुड़ा सिक्का जारी किया गया है। सिक्के पर एक तरफ राष्ट्रीय चिन्ह है, दूसरी तरफ सिंह पर विराजमान भारत माता की छवि और संघ के कार्यकर्ता दिखाई देते हैं। ऐसा भारतीय मुद्रा पर भारत माता की छवि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है। इस सिक्के पर पर संघ का बोध वाक्य भी है- पीएम मोदी

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