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सऊदी अरब के लिए रवाना हुए PM मोदी, क्राउन प्रिंस ने दिया है न्योता

पीएम मोदी तीसरी बार अरब के दौरे पर जा रहे हैं जहां वह सऊदी अरब के साथ एनर्जी और डिफेंस सेक्टर में कई समझौतें कर सकते हैं। मोदी इससे पहले 2016 और 2019 में सऊदी अरब जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सऊदी अरब की दो दिन की यात्रा पर जेद्दा जाएंगे। 22 और 23 अप्रैल के अपने दो दिनों की यात्रा के दौरान पीएम मोदी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इस दौरान रक्षा समेत कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी तो रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक में भी पीएम मोदी शामिल होंगे। दोनों नेताओं के बीच चर्चा के प्रमुख विषयों में ऊर्जा सहयोग, निवेश, रक्षा और सुरक्षा साझेदारी शामिल हैं। दोनों देशों के बीच सऊदी सेना को भारतीय सेना द्वारा प्रशिक्षण देने जैसे समझौते भी हो सकते हैं।

भारत सऊदी अरब के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को महत्व देता है- PM मोदी

सऊदी अरब के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने X पर पोस्ट किया, ”सऊदी अरब के जेद्दा के लिए रवाना हो रहा हूं, जहां मैं विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लूंगा। भारत सऊदी अरब के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को महत्व देता है। पिछले दशक में द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय गति आई है। मैं सामरिक भागीदारी परिषद की दूसरी बैठक में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं। मैं वहां भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करूंगा।”

इन खास लोगों से करेंगे मुलाकात

सऊदी में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी समुदाय के लोग रहते हैं। पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान जेद्दा में एक फैक्ट्री का दौरा भी करेंगे और भारतीय कामगारों से बातचीत करेंगे। यह प्रधानमंत्री मोदी की तीसरे कार्यकाल में सऊदी अरब की पहली यात्रा होगी। इससे पहले वह 2016 और 2019 में वहां की यात्रा कर चुके हैं। यह यात्रा तब हो रही है, जब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सितंबर 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत का दौरा किया था।

वक्फ कानून पर विवाद के बीच PM मोदी का सऊदी दौरा

बता दें कि पीएम मोदी सऊदी अरब दौरे पर तब जा रहे हैं, जब भारत में वक्फ संशोधन कानून को लेकर काफी विवाद है। भारत के मुस्लिम नेतृत्व के साथ-साथ विपक्ष भी इससे नाराज है। कई राज्यों में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 1995 के वक्फ एक्ट में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। अब वक्फ की संपत्तियों में केंद्र सरकार की भूमिका बढ़ गई है। केंद्र सरकार अब सीएजी या किसी अन्य अधिकारी को वक्फ के खातों की जांच का आदेश दे सकती है और सबसे ज्यादा चिंता इस बात पर जताई जा रही है कि वक्फ बोर्ड की ताकत को कम कर जिले के डीएम को यह अधिकार दे दिया है कि विवादित जमीन वक्फ की है या नहीं, वही तय करेगा।

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