Sandeshkhali Violence में अब NIA करेगी जांच, जल्द दर्ज हो सकती है FIR
Sandeshkhali Violence में अभी तक TMC नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसी बीच खबर आई है कि NIA जल्द ही FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर सकती है।
Sandeshkhali Violence राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग व अन्य एजेंसियों द्वारा केन्द्र सरकार को मुहैया करवाई गई सूचना के आधार पर जांच का अहम फैसला ले सकती है। इस घटना में राज्य के बाहर के असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के सबूत मिले हैं, जिनको संयोजित ढंग से हिंसा की जगह माहौल अशांत करने के लिए भेजा गया था।
NIA जांच की तैयारी इसलिए भी की जा रही है क्योंकि उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जे का जिनको आरोपी बताया जा रहा है, उनमें से ज्यादातर बंग्लादेश सीमा के पास रहते हैं। पिछले कई सालों से उनकी संदेशखाली में ऐसी गतिविधियां चल रही थी। राज्य के राज्यपाल ने केन्द्र सरकार को इस बाबत अपनी विस्तृत रिपोर्ट दे चुके हैं।
मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल
उधर, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा दखल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने संसद की विशेषाधिकार समिति के नोटिस पर रोक लगा दी है। विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है। ममता सरकार की याचिका पर कोर्ट ने ये कदम उठाया है। इसके साथ ही लोकसभा सचिवालय को नोटिस दिया गया है और 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। जब धारा 144 लागू है तो उसका कैसे उल्लंघन किया जा सकता है। धारा 144 लागू होने पर राजनीतिक कार्यक्रम नहीं कर सकते। सिब्बल ने कहा कि जो शिकायत दर्ज कराई गई है वो पूरी तरह से गलत कहानी पर की गई है। हम वीडियो दिखा सकते हैं। वहां जाने वाले सांसद भी उस क्षेत्र के नहीं है।
कब शुरू हुआ यह मामला ?
पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना 24 का संदेशखाली गांव की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शेख शाहजहां पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कुछ महिलाओं के साथ यौन शोषण भी किया, इसके साथ ही शाहजहां पर उनकी जमीन पर कब्जा करने का भी आरोप लगाया गया है। बीजेपी कार्यकर्ता टीएमसी के नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों द्वारा महिलाओं पर कथित अत्याचार किए जाने को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले को लेकर भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित संदेशखली जा रहे थे, लेकिन उनके वहां जाने पर रोक लगा दी गई थी, जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ता और पुलिस कर्मियों के बीच हाथापाई हो गई। झड़प के दौरान मजूमदार के कई चोटें लगी थीं। इस घटना को लेकर मजूमदार ने श्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।