सीएम बघेल ने तिलक लगा कर बच्चों का किया स्वागत, तेज बारिश के बावजूद बच्चों के उत्साह में नहीं आई कमी

0 नए सत्र का आगाज आज से, 10 दिनों का तक मनाया जायेगा शाला प्रवेशोत्सव

छत्तीसगढ़ में 56 दिनों बाद छात्रों की चहल-कदमी से सोमवार को फिर स्कूल गुलजार हुआ। तेज बारिश बच्चों के उत्साह के सामने कमजोर पड़ती नजर आई है। कुछ स्कूलों में घुटने तक पानी भर जाने से बच्चों को खासी दिकक्तों का सामना करना पड़ा। फिर भी नये शैक्षणिक सत्र 2023-24 के पहले दिन शिक्षा विभाग की तरफ से शाला प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नव प्रवेशी बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया। इसके साथ ही उन्हें कापी-किताबें, गणवेश दिए गए। सरस्वती साइकिल योजना के तहत नौवीं की छात्राओं को साइकिल भी वितरित की गई।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने विधानसभा क्षेत्र पाटन के मर्रा स्कूल में पहुंचे। इस दौरान वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, मर्रा में आयोजित प्रदेश स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। भूपेश बघेल ने स्कूल में नए आए बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया और उन्हें पुस्तक और ड्रेस वितरण किया। उन्होंने स्कूली बच्चों के साथ ही मध्याह्न भोजन भी किया और स्कूल में एक कंप्यूटर लैब, आईसीटी कक्ष का उद्घाटन किया।

 

इसी स्कूल में पढ़ाई की थी बघेल ने

बता दें कि मुख्यमंत्री ने बचपन में मर्रा स्कूल में ही प्रवेश लिया था और मैट्रिक तक की पढ़ाई उन्होंने इसी स्कूल से की। आज वहीं के बच्चों के साथ उन्होंने शाला प्रवेशोत्सव मनाया।

छत्तीसगढ़ में नए शिक्षा सत्र की शुरुआत 16 जून से होती है, लेकिन गर्मी अधिक होने के कारण सरकार ने ग्रीष्मकालीन अवकाश 25 जून तक बढ़ा दी थी। छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी स्कूलों में शाला प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी गई थी। एक महीने तक चलने वाले शाला प्रवेशोत्सव के लिए स्कूल शिक्षा विभाग शुरुआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करने के लिए निर्देशित किया है।10 दिन के कार्यक्रमों का पूरा शेड्यूल जारी किया गया है।

 

पहली बार इन छात्रों को कापी किताब और ड्रेस वितरण

प्रदेश में पहली बार शाला प्रवेशोत्सव के साथ ही उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को भी कापी, किताब और ड्रेस दी जा रही है। स्कूलों में छात्रों की संख्या के आधार पर पहले ही कापी, किताब और ड्रेस भेज दी गई है। स्कूल प्रबंधन स्थानीय स्तर पर शाला प्रवेशोत्सव मनाएंगे। हर स्कूल में नए प्रवेश लेने वाले छात्रों का तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया जाएगा। अलग-अलग स्कूलों में क्षेत्रीय विधायक, पार्षद शाला प्रवेशोत्सव में हिस्सा लेंगे।

10 दिनों तक जनभागीदारी कार्यक्रम शेड्यूल

पहला दिन- बच्चों का स्वागत, सुविधाओं का वितरण और संदेश वाचन होगा।
दूसरा दिन- युवाओं, माताओं, सेवानिवृत्त व्यक्तियों की बैठक, प्रभातफेरी, घर-घर संपर्क कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक का अभ्यास आदि।
तीसरा दिन- अप्रवेशी, प्रवेश योग्य बच्चे और अनियमित उपस्थिति वाले बच्चे हैं तो उन्हें शाला में प्रवेश दिलवाते हुए नियमित शाला आने के लिए आवश्यक वातावरण तैयार करना।
चौथा दिन- बच्चों को रोजगार के अवसर से परिचित करवाना, आसपास का भ्रमण कराना, ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ नामक पुस्तक बच्चों उपलब्ध कराना।
पांचवां दिन- बच्चों को साधारण गणित के सवाल देकर बनाने का अभ्यास करवाया जाएगा।
छठवां दिन- खेलगढ़िया के अंतर्गत खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
सातवां दिन- स्कूलों में संचालित मुस्कान पुस्तकालय से बच्चों को अपनी इच्छा से पुस्तकें लेकर उन्हें पढ़ने, समझने और जोड़ी में पढ़ी गई पुस्तकों पर आपस में चर्चा करने के अवसर देना।
आठवां दिन- आसपास के समुदाय के बड़े-बुजुर्गों को किसी एक स्थल में आमंत्रित कर बच्चों के छोटे-छोटे समूह में कहानी सुनाने का अवसर देना आदि।
नौवां दिन-समुदाय में बोले जाने वाली प्रचलित स्थानीय बोली- भाषा में सामग्री तैयार करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं अपनाना। बड़े-बुजुगों द्वारा सुनाई गई कहानियों और प्रचलित कहानियों पर स्थानीय भाषा में कहानी पुस्तकें तैयार कर प्रत्येक स्कूल के पुस्तकालय में रखवाएं।
दसवां दिन- अवकाश के अवसर पर अधिक से अधिक समुदाय के सदस्यों को पहले से आमंत्रित करते हुए कम से कम आधे दिन का कार्यक्रम आयोजित किया जाना।

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