उत्पादन कम, सड़न- रखरखाव खर्च बता फलों के दाम बढ़ा रहे

० ज्यादातर फल 100 से 150 किलो
० और बढ़ेंगे ?
रायपुर। मानसून के आते ही फलों के दाम यकायक बढ़ने लगते हैं। जिसके पीछे विक्रेता उत्पादन कम एवं खराब होना बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इस बार भी दाम बढ़ गए हैं।
फल बाजार के सूत्रों के अनुसार बारिश के समय फलों के रखरखाव का खर्चा बढ़ जाता है। मौसम में नमी,अधिक बारिश से फलों में सड़न शुरू हो जाती है। या फिर फंगस आने लगते हैं। कोल्ड स्टोरेज में रखने से खरीदी दर बढ़ जाती है। ऐसे में आम उपभोक्ता तक पहुंचते दाम और बढ़ जाता है।
अंदर के सूत्र बताते हैं कि फल विक्रेता गर्मी के आखिर से तैयारी शुरू कर देते हैं। उन्हें श्रावण मास में सोमवारी व्रत की ग्राहकी अच्छी मिलती है। ऊपर से वर्षा जनित वायरल, फीवर, पेट- गले आदि से पीड़ित मरीज बढ़ जाते हैं। यहां भी ग्राहकी बढ़ती है। बेशक फलों में सड़न होती है पर उत्पादक से खरीदने के बाद बड़े डीलर, सब डीलर, बड़े थोक विक्रेता एवं स्थानीय थोक विक्रेता, फल कोल्ड स्टोरेज में डाल देते हैं। जब डिमांड बढ़ती है तो बाहर लाते हैं।
बहरहाल मौके पर अच्छा लाभ चिल्हार विक्रेता, थोक विक्रेता उठा लेते हैं। और ठीकरा ऊपर वाले पर फोड़ देते हैं। आम,अनानास, सेब, संतरा, अंगूर, नाशपाती, केला, आलूबुखारा आदि के दाम 100 से 150 रुपए किलो से कहीं अधिक बने हुए हैं। जो अगले एक-दो हफ्ते में 15-20 प्रतिशत और बढ़ेंगे। सूत्रों की माने तो दाम पर लगाम लगाने, इन पर कंट्रोल रखने शासन -प्रशासन के पास न तो वक्त है न ही संसाधन। रह गई पब्लिक, जिसकी मजबूरी का बेजा (अनुचित) लाभ फल विक्रेता उठाते हैं।