हजामत का धंधा 2 माह रहेगा फीका

0 श्रावण मास का असर
रायपुर। हजामत के धंधे में अगले 2 माह मंदी रहेगी। जिसके पीछे वजह श्रावण मास बताई जा रही है। दरअसल सनातनी मान्यता है कि श्रावण काल में बाल नहीं बनवाना (कटवाना) चाहिए।
सनातनी धर्मावलंबी स्त्री-पुरुष श्रावण माह को गंभीरता से लेते हैं। शास्त्रों में बताए अनुसार वे कार्य करते हैं। इस क्रम में धार्मिक प्रवृत्ति वाली स्त्री बालों में साबुन-तेल नहीं लगाती। न ही लड़कियां-युवतियां बाल कटाती हैं। पुरुष वर्ग भी दाढ़ी- मूंछ, सिर के बाल नहीं कटाता (हजामत)। घर पर भी वह शेविंग नहीं करता। न ही तेल मालिश कराते हैं।
उपरोक्त स्थिति का सीधा प्रभाव सेलून का धंधा (ब्यूटी पार्लर ) करने (बाल काटने) वालों पर पड़ता है। श्रावण मास में धंधे में 2 माह मंदी रहेगी। इस दौरान ग्राहकों को आकृष्ट करने वे सेवा एवं शुल्क थोड़ी छूट भी देते हैं। पर मंदी बरकरार रहती है।
यहां यह बता देना जरूरी होगा कि सनातनी धर्मावलंबी स्त्री-पुरुष (पति-पत्नी) एक-दूसरे के लंबे जीवन वास्ते व्रत रखते हैं। इसी तरह अविवाहित युवक- युवती मनमाफिक (पसंद) वर-वधू की कामना करते हुए सोमवार व्रत रखते हैं, इस बार 8 श्रावण सोमवार पड़ रहे हैं।
हालांकि श्रावण मास में स्त्री-पुरुष, युवक-युवती सज-संवरकर रहते हैं। खासकर महिलाएं यथासंभव शृंगार एवं भरे परिधान (हरियाली) पहनती है। कई महिलाएं झूला भी झूलती हैं।