Thu. May 22nd, 2025

मजबूर मरीज निजी अस्पतालों, क्लीनिकों की ओर रुख करने लगे

0 स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का असर

रायपुर। स्वास्थ्य कर्मियों की 2 दिन से जारी प्रदेशव्यापी हड़ताल से सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। हालांकि आपातकालीन सेवाएं जारी है। तकनीकी कर्मियों के भी हड़ताल पर होने से तमाम प्रकार की जांच नहीं हो पा रही हैं। ज्यादा प्रभावित मरीज इंतजार की बजाय निजी अस्पतालों की ओर रुख करने मजबूर हैं।

गौरतलब है कि अपनी आधा दर्जन से अधिक मांग को लेकर बुधवार से स्वास्थ्य कर्मी बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। जिसमें तकनीकी कर्मी, नर्सों का एक बड़ा खेमा, नियमित कर्मी, संविदा, दैवेभो कर्मी आदि शामिल हैं। राज्य के तमाम सरकारी अस्पतालों में हड़ताल से व्यवस्था बाधित होने लगी है।

हालांकि स्वास्थ्य कर्मी संघ ने आपातकालीन समेत, बिजली-पानी, ऑक्सीजन, ट्रामा यूनिट, ओटी, आईसीयू में कार्यरत कर्मियों को हड़ताल से अलग रखा है। जिससे कि अत्यावश्यक सेवा तत्काल उपचार, दुर्घटना ग्रस्त मरीज, हृदय रोगी आदि को इलाज मिल सके।

बहरहाल हड़ताल का असर नजर आने लगा है। लोग आधा-अधूरा इलाज करने की बजाय निजी अस्पतालों, क्लीनिकों की ओर रुख करने लगे हैं। वैसे भी कई निजी अस्पताल, क्लीनिकों में आयुष्मान कार्ड के तहत मुफ्त या न्यूनतम शुल्क पर उपचार उपलब्ध है। पर जहां उपरोक्त सुविधा नहीं है वहां मरीजों को जेब ढीली करनी पड़ रही है। तकरीबन 50-60 हजार कर्मी हड़ताल पर हैं। उधर एम्स, टाटीबंध में मरीजों की संख्या वैसे ही ज्यादा होती है, जिसमें और बढ़ोत्तरी हो गई है। वैसे भी एम्स में जांच निशुल्क है। परंतु उपचार रियायती दरों पर होता है। तकनीकी जांच के लिए अधिकतर मरीजों को बाहर जांच के लिए भेज देते हैं।

About The Author