GST काउंसिल ने पुराने इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स बढ़ाया, विपक्ष बोला- मिडिल क्लास के सपने कुचल दिए

GST Rate: निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने स्पष्ट किया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए संशोधित टैक्स रेट आम विक्रेताओं को प्रभावित नहीं करेगी।

 

GST Rate: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 55वीं मीटिंग (GST Council) शनिवार को हुई। इसमें पुराने और इस्तेमाल हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर 18% जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया। यह बढ़ा हुआ टैक्स केवल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए बेचे जाने वाले वाहनों पर लागू होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने स्पष्ट किया कि यह दर सिर्फ मार्जिन वैल्यू (खरीद और बिक्री मूल्य के अंतर) पर लागू होगी। निजी उपयोग के लिए खरीदे और बेचे जाने वाली गाड़ियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना 

  • इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) और समाजवादी पार्टी (SP) जैसे विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा- “मिडिल क्लास के लिए गाड़ी खरीदना बहुत बड़ी बात है, लेकिन केंद्र सरकार उनके सपनों को कुचल रही है। बीजेपी सरकार केवल अमीरों और उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। यह आम आदमी और गरीबों पर महंगाई और टैक्स का बोझ डाल रही है।”
  • सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा- “बीजेपी ने जीएसटी को सांप-सीढ़ी का खेल बना दिया है। कभी किसी चीज पर जीएसटी बढ़ा देते हैं, तो कभी घटा देते हैं। इसका उद्देश्य अपने समर्थकों को लाभ पहुंचाना है। इससे व्यापारियों और छोटे दुकानदारों में असमंजस की स्थिति पैदा होती है, जिसका फायदा भ्रष्ट लोग उठाते हैं।”

सेकंड हैंड वाहनों पर मौजूदा GST

गैर-इलेक्ट्रिक व्हीकल:
सामान्य गाड़ियों पर 12%।
बड़े इंजन (≥1200cc पेट्रोल, ≥1500cc डीजल) और SUVs पर 18%।

इलेक्ट्रिक व्हीकल:
अब तक 12% जीएसटी लगती थी, जो अब व्यावसायिक बिक्री के लिए 18% कर दी गई।

पॉपकॉर्न पर टैक्स दरें स्पष्ट
जीएसटी काउंसिल ने पॉपकॉर्न पर टैक्स दरें भी स्पष्ट कीं हैं।
कैरेमलाइज्ड पॉपकॉर्न: 18%।
प्री-पैक्ड और मसालेदार पॉपकॉर्न: 12%।
अनपैक्ड और बिना लेबल वाले पॉपकॉर्न: 5%।

इंश्योरेंस से GST हटाने का फैसला अधर में
जीएसटी काउंसिल ने बीमा उत्पादों पर जीएसटी दर घटाने और ऐप-आधारित फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर टैक्स लगाने जैसे मुद्दों पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। जबकि, आम लोगों को हेल्थ और अन्य जरूरी इंश्योरेंस में राहत देने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हेल्थ इंश्योरेंस से जीएसटी हटाने की मांग कर चुकी हैं।

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