मानसून सीजन में पहुंच विहीन स्वास्थ्य सुविधा, सुनिश्चित कराएं

गर्भवती महिलाओं को समय पूर्व पंचायतें भर्ती कराएं

रायपुर। प्रदेश के अंदर सुदूर पहुंच विहीन इलाकों से खबर आती रहती है कि मरीज को खाट पर लिटाकर ग्रामीण निकटवर्ती अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे हैं। इस दौरान उन्हें 2-3 से 8-10 किलोमीटर की भी दूरी मुख्य मार्ग या पहुंच केंद्रों तक तय करनी पड़ती हैं।

उपरोक्त खबरों में आमतौर पर गर्भवती प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला, कीड़े मकोड़े, सर्पदंश, उल्टी-दस्त, मलेरिया, जहर खुरानी, अतिवृद्ध चलने-फिरने में असमर्थ बुजुर्ग मरीज ज्यादा होते हैं। मानसून सीजन में ऐसे रोगी बढ़ जाते हैं। बारिश, नाले, रपटों में जलभराव, फिसलन से अलग बाधा खड़ी होती हैं। इसे देखते हुए संबंधित जिला प्रशासन को कदम उठाना चाहिए। कलेक्टरों को निर्देश हो कि वे तमाम पंचायतों को इस संदर्भ में पत्र जारी करें। जिसका परिपालन संबंधित सरपंच, ब्लाक अधिकारी, नायाब तहसीलदार, तहसीलदार करें।

पंचायतों को स्पष्ट निर्देश हो कि गांवो में जिस गर्भवती का प्रसव समय नजदीक हो (माह-डेढ़ माह ) उसे समय पर स्वास्थ्य केंद्र सकुशल पहुंचाया जाए। सारा खर्च शासन-प्रशासन अनुसार करें। इसी तरह बुजुर्ग मरीजों को भर्ती कराया जाए। शेष आकस्मिक घटना वाले मरीजों को यथासंभव मोटर सायकिल से पुलिस जवान लेकर आए। एक अनुभवी स्वास्थ्य कर्मी साथ हो।

बारिश जनित होने वाली बीमारियों की जानकारी, उनसे रोकथाम के प्रयास, इलाज आदि की समुचित जानकारी गांव-गांव में स्थानीय भाषा, बोली में बैनर, पोस्टर, पाम्पलेट आदि से दी जाए। खान-पान संबंधित जानकारी भी ग्रामीणों को दी जाए। नवजात शिशुओं के रख-रखाव, स्वास्थ्य खान-पान पर विशेष निर्देश जारी हो।

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