Election Commission of India 2023 : मतदान तिथि आयोग सोच विचार बाद घोषित करता है बुजुर्ग नागरिकों का अभिमत ..!
Election Commission of India 2023 : भारत निर्वाचन आयोग, कोई माध्यमिक शिक्षा मंडल या विश्वविद्यालय नहीं हैं। जो कथित दवाब बाद मतदान तिथि बदल दें ।
Election Commission of India 2023 : उपरोक्त प्रतिक्रिया कुछ वरिष्ठ नागरिकों ने तब व्यक्त की जब उनसेElection Commission of India 2023 पूछा गया कि एक वर्ग विशेष- त्यौहार का हवाला देकर छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के मतदान तिथि में परिवर्तन की मांग कर रहा है। वरिष्ठ नागरिकों ने दो टूक कहा कि जानकारों को पता होना चाहिए कि भारत निर्वाचन आयोग चुनाव स्वतंत्र संस्था है। मतदान तिथि काफी विचार विमर्श, मंथन बाद तय करता है।
इन बुजुर्गों का कहना था कि राजनैतिक दल भी यह बात जानते हैं। पर चुनाव का सीजन है। लिहाजा मतदाताओं की बात भला कैसे काटे। अतः मन रखने को अपनी समर्थन समुदाय विशेष की मांग पर दे दिया। आखिर वोट तो उन्हीं से उनको मांगना है।
वरिष्ठ नागरिकों ने आगे कहा कि कुछ माध्यमिक शिक्षा मंडल, विश्वविद्यालय कतिपय छात्र नेताओं के दबाव में कतिपय राजनैतिक कारणों से आ जाते हैं। वे कई बार प्रवेश, परीक्षा तिथि, आदि बदल देते हैं। जबकि वे अगर ठान ले तो बोर्ड, विश्वविद्यालय तिथि न बदले। पर ऐसे निर्णय लेने हेतु अच्छे सख्त प्रशासक होना जरूरी है।
वरिष्ठ नागरिकों का कहना था उन्होंने अपने जीवन काल में अब तक 8-10 चुनाव देख लिया है। निर्वाचन आयोग समस्त राज्यों वहां की स्थितियाें, सुरक्षा संसाधनों, बलों, कर्मियों, अधिकारियों की उपलब्धता वाहनों की उपलब्धता, पुलिस प्रशासन की मौजूदगी आदि दर्जनों प्रकार की चीजों के मददेनजर रख मतदान तिथि या अन्य तिथियां तय करता है। यह कोई उपचुनाव नहीं है। कि किसी एक विधानसभा, लोकसभा क्षेत्र का मामला हो। बल्कि 90 विधानसभा सीटों का है। बुजुर्ग कहते हैं कि बेहद जरूरी, आपातकाल होने पर ही आयोग तिथि परिवर्तन पर विचार करता है। बुजुर्ग, लाचार, अपंग, बीमारी, विकलांग आदि को वह घर बैठे मतदान की सुविधा देता है। जबकि स्वस्थ मतदाताओं से निकटवर्ती बूथ तक घंटे भर के लिए आने वोट डालने की अपेक्षा रखता है। इसलिए मतदान हेतु 8 से 10 घंटे का पर्याप्त समय देता है।
(लेखक डॉ, विजय )