बूढ़ातालाब धरना स्थल प्रतिबंध के साए में –!

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सावधान ! शर्तों के उल्लंघन के साथ प्रदर्शन जारी हैं

रायपुर। सीमित संख्या (100) वाले धरना- प्रदर्शन की सशर्त अनुमति को छोड़ वृहद प्रदर्शन वालों के लिए बूढ़ातालाब धरना स्थल प्रतिबंधित है। परंतु इसका समुचित पालन न होने से कई बार ट्रेफिक जाम की नौबत आने लगी है।

गौरतलब है कि बूढ़ातालाब- बुढ़ापारा स्थित चर्चित धरना स्थल पर धरना प्रदर्शन-आंदोलन के चलते अक्सर घंटों कई बार पूरा दिन ट्रेफिक जाम की स्थिति निर्मित होती थी। जिसका विरोध स्थानीय व्यवसायी, रहवासी लगातार महीनों बरसों करते रहे थे। आखिरकार प्रशासन ने कुछ माह पूर्व यहां प्रदर्शन प्रतिबंधित कर जोरा-नवा रायपुर में अस्थाई धरना स्थल बना दिया है। पर कुछ शर्तों के साथ छूट बूढ़ातालाब स्थल पर हैं।

शर्त मुताबिक जो भी संगठन, समिति, मोर्चा, दल आदि धरना प्रदर्शन बूढ़ातालाब स्थल पर करेगा। वहां 100 से अधिक प्रदर्शनकारी नहीं होंगे। वरना धरना में प्रयुक्त तमाम साजो-सामान, टेंट, बैनर, पोस्टर, कुर्सी, टेबल आदि जब्त कर प्रतिबंधित कार्रवाई भी की जाएगी। दूसरा स्थल के आसपास या सामने की सड़क पर आकर प्रदर्शन कर ट्रेफिक जाम नहीं करेंगे। सुचारकर्ता बनी रहे। ज्यादा तेज आवाज में लाउड स्पीकर आदि ध्वनि विस्तारक यंत्र उपयोग नहीं करेंगे।

खैर ! उपरोक्त कुछ शर्तों के साथ हामी भर कुछ संगठन, मोर्चा, समिति, दल प्रदर्शन हेतु अनुमति प्रशासन से लेते रहे हैं। और प्रदर्शन कर रहे हैं। परंतु समिति संख्या से कई गुना अधिक ऊपर से ध्वनि विस्तार ओर कई बार ट्रेफिक जाम की नौबत आ रही हैं। यानी सीधे तौर पर शर्तों का उल्लंघन बावजूद कभी-कभी थोड़ी बहुत चेतावनी के साथ शर्त उल्ल्घंन के बीच प्रदर्शन जारी रहता है। प्रशासन इसे नजर अंदाज किए चल रहा है। जिसका बेजा फायदा आंदोलन प्रदर्शनकारी उठा रहे हैं। हैरानी की बात यह कि पहले धरना स्थल का विरोध करने वाले खुद स्थल पर प्रदर्शन पर बैठ जाते हैं। पर सीधे उल्ल्घंन पर अब वे आवाज नहीं उठाते। जो आम जनता में खासा चर्चा का विषय बना हुआ हैं।

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