NDA में शामिल हुए चिराग पासवान, कहा – नीतीश कुमार की वजह से हुए थे अलग

NEW DELHI: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान एनडीए में शामिल हो गए हैं। NDA में शामिल होने से पहले चिराग पासवान ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। अमित शाह से 15 मिनट की मुलाकात करने के बाद चिराग भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने पहुंचे। जेपी नड्डा से हुई मुलाकात के बाद चिराग ने NDA गठबंधन के साथ शामिल होने का फैसला लिया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि 2020 में एनडीए से अलग होने का फैसला कई हालात में लिया गया था। उस समय नीतीश कुमार एनडीए के मुद्दे पर थे। हम एनडीए से 2020 में अलग हुए थे बीजेपी से नहीं। नीतीश कुमार के साथ हमलोग सहज नही थे। हमारी बात सुनी नहीं जा रही थी। सीटों को लेकर भी कई मतभेद था। बिहारी फर्स्ट की बात नहीं सुन रहे थे। विकास की जो उस समय मापदंड तय किए जाने थे, वह नहीं किए जा रहे थे। मुख्यमंत्री जी की राय अलग थी, सीटों की संख्या बहुत कम थी। इसलिए हमारी राय को किनारा किया जा रहा था।

“एनडीए से अलग होने के बावजूद बीजेपी का किया समर्थन “
मैंने एनडीए से अलग होने के बावजूद बीजेपी का उपचुनाव में समर्थन किया। हमारी कुछ चिंताएं थी, जो बीजेपी के सामने हमने रखा। आम सहमति बनने के बाद अमित शाह और नड्डा जी मुलाकात हुई। उसके बाद हम एनडीए में शामिल हो गए। इन तमाम बातों को मद्देनजर हमने अलग हो जाने का फैसला लिया। हमने भाजपा से नहीं बल्कि नीतीश कुमार जी की वजह से अलग होने का फैसला किया था। अब एनडीए से अलग में चर्चा हुई, तब हमने वापसी करने का फैसला लिया है।

छह सीटों की कर रहे हैं मांग –
बता दें कि चिराग के पिता और दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के नेतृत्व में अविभाजित लोजपा ने 2019 में छह लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ी थी और बीजेपी के साथ सीट के बंटवारे के तहत उसे राज्यसभा की एक सीट भी मिली थी। युवा नेता चिराग चाहते हैं कि उनकी पार्टी में विभाजन के बावजूद बीजेपी, उसी व्यवस्था पर कायम रहे। लोजपा में विभाजन के बाद बने दूसरे गुट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं, जो केंद्र के सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं। बता दें कि सोमवार को अमित शाह के आवास पर चिराग पासवान ने मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं में एनडीए गठबंधन और बिहार की राजनीति को लेकर बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद से ही चिराग पासवान को लेकर बिहार की राजनीतिक में चर्चा तेज हो गई थी।

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