रूसी रक्षा मंत्रालय के विरुद्ध वैगनर ग्रुप के चीफ ने की बगावत, प्रिगोझिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

civil war

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुश्किलें और बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। रूस और वैगनर ग्रुप के बीच जारी विवाद ने अब गृह युद्ध का मोड़ ले लिया है। वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को हटाने के लिए सशस्त्र विद्रोह का आह्वान किया है। रूस की आंतरिक जांच एजेंसी संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) ने इसे देशद्रोह और सशस्त्र क्रांति का आह्वान मानते हुए प्रिगोझिन के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया है। एफएसबी ने वैगनर के लड़ाकों से प्रिगोझिन के आपराधिक और विश्वासघाती आदेशों को न मानने और उसे हिरासत में लेने को कहा है। उधर, प्रिगोझिन की वैगनर के लड़ाके रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में घुस चुके हैं। इसी शहर में वैगनर ग्रुप का आधिकारिक हेडक्वार्टर भी है। यहां दक्षिणी क्षेत्र के लिए रूसी सेना का मुख्यालय भी है, जो यूक्रेन में लड़ाई की कमान संभाले हुए है।

वहीं प्रिगोझिन की बगावत के बाद रूसी रक्षा मंत्रालय ने भी त्वरित प्रतिक्रिया दी है और प्रिगोझिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। हथियारबंद बगावत के आरोप में प्रिगोझिन को 20 साल की सजा हो सकती है।

पुतिन की प्राइवेट आर्मी  –
प्राइवेट मिलिशिया वैगनर ग्रुप को कभी पुतिन की प्राइवेट आर्मी कहा जाता था, लेकिन आज वो उनके लिए ही खतरा बनती नजर आ रही है। इस ग्रुप के लड़ाकों ने यूक्रेन में रूसी सेना के साथ मिलकर युद्ध भी लड़ा है। इस दौरान वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन कई बार रूसी सेना की आलोचना भी कर चुके हैं। उनका आरोप था कि उन्‍हें पर्याप्‍त मात्रा में हथियार उपलब्‍ध नहीं कराए जा रहे हैं। इस आरोप से जुड़े कई वीडियो भी येवगेनी प्रिगोझिन ने सोशल मीडिया पर शेयर किये थे।

मॉस्को और रोस्तोव में कड़ी सुरक्षा –
रूस ने येवगेनी प्रिगोझिन की धमकी को गंभीरता से लेते हुए मॉस्को और रोस्तोव-ऑन-डॉन में सुरक्षा बढ़ा दी है। आम नागरिकों को बिना जरूरत के बाहर न निकलने को कहा गया है। अभी तक रूसी सेना और वैगनर लड़ाकों में किसी हिंसक झड़प की सूचना नहीं है। कुछ जगहों पर सैन्य वाहनों में आगजनी की तस्वीरें जरूर आई हैं, लेकिन अभी तक यह पुष्टि नहीं हो सकी है कि इनमें किसने आग लगाई है। प्रिगोझिन अगर पकड़ा जाता है तो उसे देशद्रोह के आरोप में 20 साल जेल की सजा हो सकती है। वहीं, अगर वह सफल होता है तो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ताकत कमजोर पड़ सकती है। हालांकि, प्रिगोझिन ने साफ किया है कि वह रूस में तख्तापलट नहीं चाहता है, बल्कि रक्षा मंत्री को पद से हटाने की कोशिश में है।

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