RAJSTHAN BREAKING NEWS : BJP सांसद किरोड़ीलाल मीणा गिरफ्तार, थाने के बाहर बैठे थे धरने पर

Kirodi Lal Meena News : जयपुर। राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। डॉ. मीणा पिछले दो दिन से जयपुर के अशोक नगर थाने के बाहर धरने पर बैठे थे। रात के समय बारिश के दौरान भी वे धरना स्थल पर डटे रहे।
घर गए तो धरनास्थल से सामान हटाया
आज सुबह डॉ. मीणा जब नहाने के लिए अपने घर गए तो धरना स्थल का सामान पुलिस ने हटा दिया और मौके पर खड़ी गाड़ियों को क्रेन के जरिए दूसरे स्थानों पर खड़ा कर दिया। जैसे ही इस बात की जानकारी डॉ. मीणा को लगी तो वे वापस धरना स्थल की तरफ आए लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। इसके बाद डॉ. मीणा अपने समर्थकों के साथ बीच सड़क पर धरना देकर बैठ गए। बाद में पुलिस ने डॉ. मीणा और उनके समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया।
ये मांग कर रहे थे डॉ. मीणा
राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने जल जीवन मिशन को लेकर राज्य सरकार के केबिनेट मंत्री और जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पर हजारों करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगाए। इस संदर्भ में उन्होंने CVC (सेन्ट्रल विजिलेंस कमिशन) में परिवाद दर्ज कराया। बाद में वे पुलिस कमिश्नर आनन्द श्रीवास्तव से मिले। कमिश्नर के साथ हुई वार्ता में कोई सहमति नहीं बनी तो डॉ. मीणा अपने समर्थकों के साथ अशोक नगर थाने पहुंच गए। पुलिस थाने में जब FIR दर्ज नहीं हुई तो वे थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गए।
हमारी FIR दर्ज क्यों नहीं..?
डॉ. मीणा का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमेशा दावा करते हैं कि राजस्थान के पुलिस थानों में हर परिवाद की एफआईआर दर्ज की जाती है। डॉ. मीणा का आरोप है कि जल जीवन मिशन में हजारों करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। फर्जी फर्मों को टेंडर जारी कर दिए गए थे। इस मामले में वे जलदाय मंत्री और जलदाय विभाग के एसीएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं लेकिन पुलिस रिपोर्ट लिखने को तैयार नहीं है। डॉ. मीणा ने 66 हजार करोड़ रुपए के घोटालों के आरोप लगाए हैं।
जलदाय मंत्री ने दे दिया है जवाब
जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी दो दिन पहले ही डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के आरोपों का जवाब दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। जिन फर्मों का जिक्र किया जा रहा है, उनके टेंडर जनवरी 2023 में ही निरस्त कर दिए गए थे। जब टेंडर ही निरस्त कर दिए और भुगतान भी नहीं हुआ, तो घोटाला कैसे हुआ। डॉ. महेश जोशी ने कहा था कि बेबुनियाद आरोप लगाना डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की फितरत है। उनका यह तरीका ब्लैकमेलिंग की राजनीति की श्रेणी में माना जाता है।