MP NEWS : BJP ने नरेंद्र सिंह तोमर को दी बड़ी जिम्मेदारी, मध्य प्रदेश में भाजपा के चुनावी प्रबंधन की संभालेंगे कमान
भोपाल। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें चुनाव प्रबंधन समिति का संयाेजक बनाया गया है। यानी चुनाव में सभी महत्वपूर्ण निर्णय उनकी सहमति से ही होंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है। उल्लेखनीय है कि एक सप्ताह पहले ही पार्टी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को चुनाव का प्रभारी और अश्विनी वैष्णव को सह प्रभारी बनाया है।
तोमर को जिम्मेदारी सौंपने की ये है वजह…
नरेन्द्र सिंह तोमर को यह जिम्मेदारी सौंपने की बड़ी वजह यह है कि दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहने के नाते उन्हें राज्य के हर अचंल की राजनीति का अच्छा अनुभव है। पहली बार वह 2008 में प्रदेश अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 2013 में विधानसभा चुनाव के पहले प्रभात झा को हटाकर उन्हें अध्यक्ष बनाया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी उनका बेहतर तालमेल रहा है। वह गैर राजनीतिक परिवार से हैं। पार्षद से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय किया है। कुछ दिन से राजनीतिक गलियारों में अटकलें थीं कि तोमर को फिर प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है या फिर चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
शाह की बैठक में शामिल होंगे भाजपा के वरिष्ठ नेता
नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की आज से फिर बैठक हो रही है। वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए फार्मेट पर विचार करेंगे। बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर मौजूद रहेंगे। घोषणा पत्र समिति, चुनाव प्रबंधन समिति, चुनाव अभियान समिति सहित विभिन्न समितियों के गठन पर दिग्गज नेताओं ने विचार कर सभी नेताओं के साथ समन्वय बनाते हुए सूची तैयार की है। विजय संकल्प अभियान को लेकर भी भाजपा नेताओं ने इसकी रूपरेखा पर विचार किया है। आज की बैठक में समितियों और विजय संकल्प अभियान पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
नरेंद्र सिंह तोमर की राजनीति में इस तरह हुई एंट्री
नरेंद्र सिंह तोमर की राजनीति में एंट्री की बात करें तो उन्होंने छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की। वो छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। उसके बाद ग्वालियर नगर निगम में पार्षद चुने गए थे। उन्होंने युवा मोर्चा की जिम्मेदारी भी संभाली। तोमर 1998 में पहली बार विधायक बने। साल 2003 में उन्होंने फिर से विधानसभा चुनाव जीता और उमा भारती कैबिनेट में मंत्री बनाए गए। साल 2009 में पहली बार मुरैना से सांसद चुने गए। तोमर ने 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव भी जीता।
तोमर के सामने क्या हैं चुनौतियां..?
चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाए जाने के साथ तोमर के सामने कई चुनौतियां भी हैं। क्योंकि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से आते हैं। जहां से 2018 के विधानसभा चुनावों में यहां से बीजेपी हार का सामना करना पड़ा था, जबकि कांग्रेस ने जबरदस्त बढ़त बनाई थी। ऐसे में तोमर के सामने प्रदर्शन को सुधारने की एक बड़ी जिम्मेदारी है, तोमर को फायदा भी मिल सकता है, क्योंकि वो वहां के स्थानीय नेता हैं।
इसी साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अपनी तैयारी तेज कर दी है। अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मध्य प्रदेश में बीजेपी का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। जबकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह प्रभारी बनाया गया है।