राजस्थान में कांग्रेस की टेंशन बढ़ाने ‘बाबा बालकनाथ’ को भाजपा ने दिया बड़ा जिम्मा

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा की ओर से अपनी पुनर्गठित राज्य कार्यकारी समिति के पदाधिकारियों की एक सूची जारी की गई है। सी पी जोशी के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने के तीन महीने बाद पार्टी की ओर से यह घोषणा की गयी है। नयी भाजपा राज्य कार्यकारिणी उस कार्यकारिणी का स्थान लेगी जिसका गठन 2020 में सतीश पूनिया के कार्यकाल के दौरान किया गया था, जिन्होंने 2019 और 2023 के बीच समिति का नेतृत्व किया था।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, सूची में नये नाम पार्टी के संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से जोड़ा गया है। उनकी क्षमता को देखते हुए उन्हें पदाधिकारियों का जिम्मा दिया गया है। नयी 29 सदस्यीय सूची में 11 प्रदेश उपाध्यक्ष, पांच महासचिव, 11 सचिव, एक कोषाध्यक्ष और एक सह-कोषाध्यक्ष ।
बाबा बालकनाथ योगी का नाम भी शामिल
इन नामों में एक नाम की चर्चा जोरों पर हो रही है। दरअसल, अलवर के सांसद और अस्थल बोहर रोहतक के महंत बाबा बालकनाथ योगी को राजस्थान भाजपा प्रदेश का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।राजस्थान चुनाव से ठीक पहले महंत बालक नाथ योगी की नियुक्ति चुनाव से पहले महत्वपूर्ण मानी जा रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इसका असर केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि साथ लगते दक्षिण हरियाणा की राजनीति पर भी पड़ेगा। बाबा बालक नाथ यादव यानी ओबीसी समुदाय से हैं और दक्षिण हरियाणा में इस समुदाय का विशेष प्रभाव दिखता है। चुनाव से पहले भाजपा का ये कदम कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।
बाबा ने कांग्रेस के बड़े नेता को हराया
2019 के लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो महंत बाबा बालकनाथ योगी ने अलवर में सबसे बड़े कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह को पाराजित किया था। तब से, भाजपा नेता कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों पर घेर रही है। भाजपा ने पार्टी को प्रदेश में मजबूत करने के लिए कुछ अन्य नए उपाध्यक्षों को भी जगह दी है। इनमें टोंक-सवाई माधोपुर के सांसद सुखबीर जौनापुरिया, जो गुर्जर समुदाय से हैं, पूर्व सांसद सीआर चौधरी और संतोष अहलावत हैं। दोनों जाट समुदाय से आते हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी का नाम भी इसमें शामिल है।