इंटरनेट पर 100 से अधिक जुआ, गेमिंग, अवैध ऋण ऐप पर प्रतिबंध लगाने की बिहार पुलिस ने केंद्र से की मांग

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पटना। बिहार पुलिस ने कथित तौर पर धन शोधन में शामिल और देश में वित्तीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले 100 से अधिक जुआ/गेमिंग और ऋण देने वाले ऐप पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) से प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने हाल में केंद्रीय मंत्रालय से संपर्क कर 100 से अधिक ऐसे ऐप पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। ईओयू के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) नैयर हसनैन खान ने बताया, ‘‘ये ऐप सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा-69 का उल्लंघन कर रहे हैं, क्योंकि इनमें ऐसी सामग्री होती है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए नुकसानदेह है। ऋण देने वाले ऐसे ऐप के जरिये बहुत कम रकम उधार लेने वाले लोगों से जबरन वसूली और उत्पीड़न की कई शिकायतें मिली हैं।’’

आईटी अधिनियम की धारा-69ए सरकार को राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता, राष्ट्र की सुरक्षा, दूसरे देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था के हित की रक्षा के लिए किसी भी ऑनलाइन सामग्री तक पहुंच को प्रतिबंधित करने का अधिकार देती है। एडीजी ने कहा कि हाल में अरवल, फुलवारी शरीफ (पटना), औरंगाबाद और जमुई में इन ऐप और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई है।

देश की वित्तीय सुरक्षा को खतरा

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक गंभीर अपराध है और ऐसे डिजिटल ऋण, गेमिंग और जुआ ऐप पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश की वित्तीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं। हम ऑनलाइन ऋण देने वाले ऐसे प्लेटफॉर्म की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। लोगों को भी ऐसे ऐप की गतिविधियों को लेकर सतर्क रहना चाहिए।’’

एडीजी ने कहा, ‘‘ईओयू ऐसे ऐप के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा कर रहा है और जनता से अनुरोध करता है कि वह इंटरनेट और ‘प्लेस्टोर’ पर उपलब्ध अपंजीकृत या अवैध ऋण ऐप से कोई ऋण न ले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये ऐप ऋण अग्रिम रूप से देने के बहाने ग्राहकों के फोन से सभी जानकारी तक पहुंच बना लेते हैं या हैक भी करते हैं। इसका इस्तेमाल आरोपी कंपनी द्वारा अन्य वित्तीय अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जा सकता है। अधिकांश समय ऐसे ऐप न केवल उच्च ब्याज दर वसूल कर ग्राहक को परेशान करते हैं, बल्कि उसे चुकाने में विफल रहने पर उनकी संपर्क सूची में अश्लील सामग्री भेजकर उन्हें प्रताड़ित करते हैं।’’

साइबर अपराध के लिए सख्त नियम की जरुरत

बिहार पुलिस के इस कदम पर साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने बताया, ‘‘ऋण, गेमिंग और जुआ ऐप लोगों को साइबर अपराध का शिकार बनाने का प्रयास मात्र हैं…अधिकांश मामलों में, लोग (पीड़ित) फंस जाते हैं। इसलिए, हमें देश में साइबर अपराध से निपटने के लिए अधिक प्रभावी और सख्त नियमों की आवश्यकता है।’’

दुग्गल ने कहा, ‘‘साइबर जगत में कई क्षेत्र अभी भी नियमन के दायरे से बाहर हैं। हमारे पास ऋण ऐप से संबंधित धोखाधड़ी से निपटने के लिए एक अलग कानून होना चाहिए।’’

मंत्रालय ने की ये पहल

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इस सिलसिले में पहले ही एक परामर्श जारी कर चुका है, जिसमें कहा गया था कि चूंकि, देश के अधिकांश हिस्सों में सट्टेबाजी और जुआ अवैध है, इसलिए इन सट्टेबाजी प्लेटफार्म के साथ-साथ उनके नाम पर प्रसारित छद्म विज्ञापन भी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, केबल टीवी नेटवर्क विनियमन अधिनियम 1995 और आईटी नियम, 2021 प्रावधानों के तहत अवैध हैं।

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