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Bharat Ratan to Karpoori Thakur: कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न, मोदी सरकार का बड़ा फैसला

Bharat Ratan to Karpoori Thakur: कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। वह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे और पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे।

Bharat Ratan to Karpoori Thakur: नई दिल्ली। भारत सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की है। उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। ठाकुर की बुधवार को 100वीं जयंती है। मोदी सरकार ने एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का एलान किया है। जनता दल यूनाइटेड ने पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठाई थी।

वर्षों की तपस्या का मिला फल
कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर ने कहा कि 36 साल की तपस्या का फल हमें मिला है। मैं अपने परिवार और बिहार की जनता की तरफ से केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं।

जानिए कर्पूरी ठाकुर के बारे में
कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर के गांव पितौंझिया में 24 जनवरी 1924 को हुआ था। वह भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ, बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री व दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्हें जननायक कहा जाता था। इनके पिता किसान थे और अपने पारंपरिक पेशा नाई का काम करते थे। कर्पूरी 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 और 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 के दौरान दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे।

कर्पूरी ठाकुर हमेशा गरीबों के अधिकार के लिए लड़ते रहे। सीएम रहते हुए उन्होंने पिछड़ों को 12% आरक्षण दिया था। ठाकुर दूरदर्शी होने के साथ एक अच्छा वक्ता थे। आजादी के समय पटना की कृष्णा टॉकीज हॉल में छात्रों की सभा को संबोधित करते हुए क्रांतिकारी भाषण दिया था।

1952 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कर्पूरी ठाकुर कभी इलेक्शन नहीं हारे। दो बार मुख्यमंत्री और एक बार उपमुख्यमंत्री रहने के बाद ठाकुर रिक्शे से चलते थे। उनका निधन 64 वर्ष की आयु में 17 फरवरी 1988 को हार्ट अटैक से हुआ था।

कर्पूरी ठाकुर महान जननायक थे- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा कि सरकार ने समाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला लिया है। उनकी जन्म शताब्दी के अवसर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। पीएम ने कहा कि कर्पूरी जी ने देश के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है। भारत रत्न न सिर्फ उनके अतुलनीय योगदान का सम्मान है, बल्कि इससे समाज में समरसता को बढ़ावा मिलेगा।

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