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Kesariya Corridor: पुरी से द्वारका के बीच बने उम्मीदों का एक्सप्रेस-वे, मोदी देंगे नए सौगात

Kesariya Corridor:

Kesariya Corridor:  चारधामों में द्वारका और जगन्नाथ पुरी दो प्रमुख धाम हैं। अगर यह एक्सप्रेस-वे बनता है, तो धार्मिक पर्यटन से लेकर व्यापार,उद्योग में वृद्धि होने से पूरा क्षेत्र समृद्ध होगा और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।

Kesariya Corridor रायपुर।  देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में लगातार तीसरी बार रिकॉर्ड एनडीए की सरकार बनी है। मोदी की इस जीत में देश के पश्चिमी छोर से गुजरात से लेकर पूर्वी किनारेओडिशा तक भाजपा को जनता का भरपूर समर्थन मिलने से बने केसरिया कॉरिडोर की अहम भूमिका रही है।

बताया जा रहा है एवं चर्चा है कि अपने पहले के दो कार्यकाल में सड़क, रेल आदि आधारभूत ढांचे के विकास पर विशेष जोर देने वाली मोदी सरकार से तीसरे कार्यकाल में द्वारका (गुजरात) से जगन्नाथ पुरी (ओडिशा) के बीच पूर्व-पश्चिम नए एक्सप्रेस-वे बनाने की उम्मीद है। दरअसल, धार्मिक दृष्टि से द्वारका और जगन्नाथ पुरी हिंदुओं के चारधाम में से दो प्रमुख धाम हैं। अगर यह एक्सप्रेस-वे बनता है, तो धार्मिक पर्यटन से लेकर व्यापार, उद्योग और अन्य आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी से पूरे क्षेत्र में समृद्धि आएगी। और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।

गुजरात-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़-ओडिशा को लाभ

अगर केसरिया कॉरिडोर का सपना साकार होता है, तो गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के लोगों को प्रमुख लाभ होगा। यह एक्सप्रेस-वे गुजरात के जामनगर, राजकोट, बड़ोदरा, गोधरा, मध्य प्रदेश के झाबुआ, धार, इंदौर, हटवा, बैतूल, छत्तीसगढ़ के दुर्ग, भिलाई, रायपुर, महासमुंद और ओडिशा के
बोधगढ़, नयागढ़, भुनेश्वर, पुरी जैसे शहरों से गुजर सकता है।

बताया जा रहा है कि मौजूदा सड़क ढांचे में द्वारका से पूरी की सीधी यात्रा आसान नही है। बेशक कई स्थानों पर राजमार्ग मौजूद है, लेकिन दोनों धामों के बीच करीब 2150 किलोमीटर की लगातार यात्रा में 45 घंटे लग जाते हैं। यदि उक्त कॉरिडोर यानी एक्सप्रेस-वे पर बनता है,तो यात्रा न केवल सुविधाजनक होगी। बल्कि समय भी काफी कम हो सकता है। इतना ही नही खनिज संपदा व कृषि से सम्पन्न राज्यों में शानदार जुड़ाव बनेगी। ओडिशा, छत्तीसगढ़ लोहा,जस्ता, कोयला जैसे खनिज सम्पदाओं से समृध्द है वही मध्य प्रदेश, गुजरात कृषि उत्पादन में आगे है। सीधे जुड़ाव से इन चारों राज्यों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। साथ ही धार्मिक एवं पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेगी।

मोदी-गडकरी की जोड़ी से आस

चर्चा है कि पीएम मोदी विकसित भारत सपना और उनकी सरकार में लगातार तीसरी बार सड़क एवं राजमार्ग मंत्री बने नितिन गडकरी की कार्य कुशलता से केसरिया कॉरिडोर का सपना सरकार हो सकता है। मोदी राजमार्ग, जल मार्ग जैसे बुनियादी ढांचे पर और इसके जुड़ाव को विकास का इंजन बता चुके हैं। सरकार ने अंतरिम बजट में ही बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत खर्च के लिए 11.11 लाख करोड रुपए का आबंटन रखा है। बताया जा रहा है कि इन राज्यों में 87 सीटों में से भाजपा ने 84 सीटें जीती हैं। साथ ही लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने राज्य में 24 साल से सरकार चला रही बीजद को सत्ता से हटाकर पहली बार सरकार बनाई है। लिहाजा,उम्मीद की जा रही है कि मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में केसरिया कॉरिडोर यानी एक्सप्रेस-वे का बड़ा फैसला ले सकते हैं।

(लेखक डा. विजय)

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