राज्यपाल हरिचंदन द्वारा लिखित आत्मकथा “बैटल नॉट यट ओवर” का विमोचन

नई दिल्ली। आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय विधि आयोग के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी और ओडिशा के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी गोपाल गौडे ने राज्यपाल हरिचंदन द्वारा लिखित आत्मकथा “बैटल नॉट यट ओवर” का विमोचन किया।
मूल रूप से उड़िया भाषा में लिखी गई इस आत्मकथा का अंग्रेजी में अनुवाद प्रसिद्ध लेखक और अकादमी पुरस्कार विजेता प्रोफेसर भगवान जय सिंह ने किया है। विमोचन के मौके पर केन्द्रीय साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव, प्रख्यात लेखक प्रो. डॉ. विजयानंद सिंह समेत कई गणमान्य हस्तियां, मीडियाकर्मी और दिल्ली के गणमान्य नागरिक मौजूद थे। इंडियन कॉन्फ्रेंस आफ इंटेलेक्चुअल द्वारा इस सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि इस आत्मकथा में उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों और उनसे मिली सीख को साझा किया है। उन्होंने कहा कि मेरे रिश्तेदारों और शुभचिंतकों की प्रेरणा से यह पुस्तक इस रूप में सामने आई है। उन्होंने कहा कि वह अपने पिता स्वर्गीय परशुराम हरिचंदन की देशभक्ति से प्रेरित थे। उन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ना सिखाया। राज्यपाल ने कहा कि वह जिस भी पद पर रहे, उन्होंने हमेशा न्याय के लिए काम किया और अन्याय के खिलाफ मुखर रहे। पुस्तक में उनके राजनीतिक संघर्षों, आपातकाल के दौरान संघर्ष, उस समय ओडिशा के राजनीतिक परिदृश्य, लोगों के कल्याण के लिए मंत्री के रूप में उनके द्वारा की गई पहल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। इस सेमिनार को डॉ विजयानंद सिंह ने संबोधित किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्यपाल हरिचंदन की पुस्तक के बारे में दिए गए संदेश को पढ़ा।
सेमिनार को ओडिशा के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश गोपाल गावड़े, राष्ट्रीय कानून आयोग के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी, ओडिशा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विश्वनाथ रथ, भगवान जय सिंह और श्रीनिवास राव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल हरिचंदन का अभिनंदन भी किया गया।