दिहाड़ी पर काम करने वालों को बारिश से बचने “छाता” दें

० संपन्न वर्ग से बुजुर्गों का आग्रह
रायपुर /मानसून थोड़ी देर से सही, पर आ पहुंचा है। गर्मी से हलाकान समूचे प्रदेश में लोग इसका इंतजार कर रहे थे। उच्च वर्ग, संपन्न एवं उच्च मध्यम वर्ग तो बारिश से रोकथाम की (बचाव ) व्यवस्था कर लेता हैं। पर रोज काम करने वाले मजदूर (दिहाड़ी) श्रमजीवी वर्ग सर्वाधिक प्रभावित होते हैं।
वरिष्ठ नागरिक संघर्ष समिति ने तत्संबंध में सुझाव, सलाह जारी किया है। समिति का कहना है कि सक्षम वर्ग के लोग अपने घरों में झाड़ू -पोछा -बर्तन धोने का काम करने वाले बाईयों, मालियों, ड्राइवरों, ठेले में में सब्जी भाजी बेचने वाले, दूध-ब्रेड, अखबार बांटने वाले हाकरों, दुकान दफ्तर में काम करने वाले कर्मियों को यथासंभव मदद करें।
समिति ने उक्त श्रमजीवी मजदूर, श्रमिकों को बड़ा छाता देने का आग्रह किया है। जिसमें कि बारिश में यह वर्ग अपना बचाव कर सके। अन्यथा भीगने पर बीमार एवं काम देने वाले परिवारों (मालिकों) का कामकाज प्रभावित होगा। बड़ा छाता देने से संबंधित मजदूर-श्रमिक-दिहाड़ी स्वयं तो उपयोग में लाएगा, जब घर पर रहेंगे तब उनके घर के सदस्य बच्चे, पति-पत्नी या या मां-बाप भी छाता उपयोग में ला सकेंगे।
समिति ने सुझाव में या भी जोड़ा कि घरों पर काम करने वाली बाईयों से पूछकर छाता या जरूरत की चीजें दें। क्योंकि मजबूरी में वे अन्य घरों पर भी काम करती है। इससे ना तो पैसा व्यर्थ जाएगा ना ही जीवन अनुपयोगी रहेगी।