विपक्ष को झटका : PM मोदी को मिला इस मुख्यमंत्री का साथ, राज्यसभा में सरकार की राह आसान

दिल्ली में सेवाओं के अधिकार को लेकर लाए गए अध्यादेश के मुद्दे पर केंद्र सरकार को लगातार समर्थन मिल रहा है। एक तरफ विपक्ष जहां इसे दिल्ली सरकार के अधिकारों का हनन बताकर विरोध कर रहा है। वहीं, कुछ ऐसे दल जो किसी भी गठबंधन में नहीं है, वह सरकार को समर्थन दे रहे हैं। इन्हीं में से एक बीजू जनता दल ने अध्यादेश पर सरकार के समर्थन का ऐलान किया है। पार्टी ने केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करने का भी फैसला किया है। बीजेडी ने अपने सभी राज्यसभा और लोकसभा सांसदों को वोटिंग के दौरान सरकार के पक्ष में वोट डालने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है

पार्टी अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करेगी- BJD सांसद
बीजू जनता दल के राज्यसभा सदस्य सस्मित पात्रा ने मंगलवार सरकार के समर्थन का ऐलान किया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी के नेता नवीन पटनायक ने यह तय किया है कि उनकी पार्टी दिल्ली सेवा अध्यादेश संबंधी विधेयक का समर्थन करेगी और सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करेगी।

बीजद के फैसले से सरकार की राह आसान
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अक्सर ऐसे मौके पर भाजपा के समर्थन में दिखाई देते हैं। दिल्ली विधेयक के मुद्दे पर उनके फैसले से मोदी सरकार को राज्यसभा में बहुमत प्राप्त करने की दिशा में राह आसान हो गई है। बता दें कि राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गठबंधन NDA को बहुमत प्राप्त नहीं है। इनके अलावा सरकार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है।

बहुमत के लिए 122 वोटों की जरूरत
बता दें कि राज्यसभा में सांसदों की संख्या करीब 224 है। ऐसे में किसी भी बिल को पास करने के लिए सरकार को 122 सांसदों के वोटों की आवश्यकता होती है। लेकिन उच्च सदन में सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन के पास 100 सदस्य हैं। वहीं उसे मनोनीत सदस्यों और कुछ निर्दलीय सदस्यों के साथ ऐसे दलों से समर्थन मिलने की उम्मीद है जो सत्ता पक्ष एवं विपक्षी खेमे दोनों से अलग हैं। ऐसे दलों ने विभिन्न मुद्दों पर कई बार सरकार के पक्ष में मतदान किया है।

राज्यसभा में है कांटे की टक्कर
लोकसभा में दो तिहाई बहुमत के साथ देश की सत्ता पर राज करने वाली भाजपा के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्यसभा में विपक्षी गठबंधन के करीब 109 सदस्यों के अलावा कपिल सिब्बल जैसे कुछ निर्दलीय सदस्यों के विधेयक के खिलाफ मतदान करने की उम्मीद है। उच्च सदन में सदस्यों की कुल संख्या 243 है लेकिन कुछ रिक्तियां भी हैं।

About The Author

© Copyrights 2024. All Rights Reserved by : Eglobalnews