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क्या महंगा होगा घरेलू गैस सिलेंडर? सरकार करने जा रही है ये अहम बदलाव

भारत सरकार, सरकारी तेल कंपनियों द्वारा अमेरिकी निर्यातकों के साथ किए गए सालाना सप्लाई कांट्रैक्ट के बाद, एलपीजी सब्सिडी के फार्मूले में बदलाव पर विचार कर रही है. ऑयल कंपनियाें का कहना है कि सब्सिडी का कैलकुलेशन अमेरिकी स्टैंडर्ड के हिसाब से किया जाए. साथ ही अटलांटिक पार से आने वाले ऑयल के लॉजिस्टिक कॉस्ट को भी एड किया जाए तो सऊदी के मुकाबले में 4 गुना ज्यादा है.

 

देश में घरेलू गैस सिलेंडर यानी एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी का पूरा गणित बदलने जा रहा है. जानकारी के अनुसार पिछले महीने सरकारी तेल कंपनियों द्वारा अमेरिकी निर्यातकों के साथ सालाना सप्लाई कांट्रैक्ट पर साइन किए हैं. जिसकी वजह से सरकार एलपीजी सब्सिडी के फार्मूले में बदलाव पर विचार कर रही है. मौजूदा समस में सब्सिडी की गणना सऊदी कांट्रैक्ट प्राइस (सीपी) के आधार पर की जाती है, जो पश्चिम एशिया से एलपीजी सप्लाई के लिए एक स्टैंडर्ड है. हालांकि, सरकारी तेल कंपनियां अब फार्मूले में अमेरिकी स्टैंडर्ड प्राइस और अटलांटिक पार शिपमेंट में शामिल लॉजिस्टिक कॉस्ट को भी शामिल करने पर जोर दे रही हैं. अमेरिका से आने वाली एलपीजी भारत के लिए तभी किफायती है जब सऊदी सीपी की तुलना में कीमतों में छूट इतनी अधिक हो कि लॉजिस्टिक कॉस्ट भरपाई हो सके, जो सऊदी अरब से शिपमेंट की तुलना में लगभग चार गुना ज्यादा है.

अमेरिका से पहला लॉन्गटर्म कांट्रैक्ट

पिछले महीने, इंडियन ऑयल कॉर्प, भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड ने 2026 कांट्रैक्ट ईयर के लिए अमेरिका से लगभग 2.2 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) एलपीजी इंपोर्ट करने के लिए एक साल के कांट्रैक्ट पर साइन किए हैं. यह भारत के सालाना एलपीजी इंपोर्ट का लगभग 10 फीसदी है. हालांकि भारतीय कंपनियों ने पहले भी स्पॉट मार्केट में अमेरिकी एलपीजी खरीदा है, लेकिन यह देश से सप्लाई के लिए उनका पहला लॉन्गटर्म कांट्रैक्ट है. सरकार, सरकारी कंपनियों द्वारा घरों को बेची जाने वाली एलपीजी की कीमत को कंट्रोल करती है. जब कंपनियां बाजार दर से कम कीमत पर बेचकर घाटा उठाती हैं, तो सरकार उन्हें मुआवजा देती है.

क्या महंगा होगा एलपीजी?

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि अमेरिका से आने वाली एलपीजी की लॉजिस्टिक कॉस्ट सऊदी के मुकाबले में चार गुना ज्यादा होगी. अगर भारत सरकार को मौजूदा सब्सिडी पर गैस सिलेंडर आम लोगों को देना है तो अमेरिकी सप्लाई में छूट मिलना काफी जरूरी है. अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार आने वाले दिनों में आम लोगों को मिलने वाली सब्सिडी में कटौती कर सकती है. इसका मतलब है कि आम लोगों से लेकर उज्ज्वला योजना के तहत आने वाले करोड़ों कस्टमर्स को एलपीजी गैस सिलेंडर महंगा मिल सकता है.

मौजूदा समय में कितनी है कीमत

आईओसीएल के आंकड़ों के अनुसार मौजूदा समस में देश की राजधानी दिल्ली में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम सब्सिडी के साथ 853 रुपए है. जबकि कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1,580.50 रुपए है. घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में आखिरी बार बदलाव 8 अप्रैल 2025 को किया गया था. तब सरकार की ओर से घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी. वहीं दूसरी ओर मौजूदा समय में उज्ज्वला योजना के तहत यूजर्स को 300 रुपए की सब्सिडी दी जाती है. 1 दिसंबर 2025 तक देश में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की संख्या 10.35 करोड़ है. मौजूदा वित्त वर्ष में 25 लाख लाभार्थियों को इस योजना के तहत जोड़ा गया है. जबकि देश में कुल एलपीजी यूजर्स की संख्या करीब 33 करोड़ है.

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