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छत्तीसगढ़ की हवा में घुला ‘जहर’, रायपुर की हवा सबसे खराब

उत्तर दिशा से बह रही ठंडी हवा ने पूरे मध्य छत्तीसगढ़ को प्रदूषण के शिकंजे में जकड़ दिया है। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 228 दर्ज किया …और पढ़ें

रायपुर। उत्तर दिशा से बह रही ठंडी हवा ने पूरे मध्य छत्तीसगढ़ को प्रदूषण के शिकंजे में जकड़ दिया है। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 228 दर्ज किया गया, जो सेहत के लिए खतरनाक माना जाता है। रायपुर के साथ दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद और कांकेर तक पीएम 2.5 व पीएम 10 के महीन कण हवा में घुलकर सांस लेना मुश्किल बना रहे हैं।

इस वजह से बढ़ रहा प्रदूषण

औद्योगिक गतिविधियां, डीजल वाहनों की भारी आवाजाही, खराब सड़कों से उड़ती धूल और खेतों में जलाई जा रही पराली इस संकट को और गहरा रही है। पेड़ों की कमी के कारण प्रदूषक कण वातावरण में ही टिके रहते हैं। यही वजह है कि रायपुर से लेकर आसपास के जिलों तक हवा जहरीली होती जा रही है।

आगे कम होगा प्रदूषण

बसंत ऋतु में हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण कुछ हद तक कम हो सकता है, जबकि बारिश के मौसम में हालात काफी सुधरते हैं। फिलहाल डाक्टरों और विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को खास सतर्कता बरतने, मास्क पहनने और अनावश्यक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।

प्रदेश के प्रमुख जिलों की वायु गुणवत्ता स्थिति (एक्यूआई)

रायपुर – 228 (अत्यंत चिंताजनक)

दुर्ग – 192 (स्वास्थ्य पर असर)

बिलासपुर – 190 (गंभीर)

जगदलपुर – 107 (सतर्कता जरूरी)

रायगढ़ – 100 (फिलहाल राहत)

कोरबा – 98 (संतोषजनक)

आंकड़े एमएनएस वेदर डाट काम से प्राप्त (माइक्रोसाफ्ट कंपनी की एक विंग)

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