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रात 10 बजे के बाद नहीं बजेगा डीजे, 8 फ़ीट से बड़े डीजे पर सख्त रोक

DJ Ban: डीजे आम जनता के लिए गंभीर परेशानी का कारण बनते हैं। ऐसे में चेतावनी दी गई है कि अधिक आवाज और बड़े आकार से डीजे व रात्रि 10 बजे के बाद नहीं बचेंगे। अन्यथा कार्रवाई होगी।

DJ Ban: पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने जिले के डीजे संचालकों की बैठक ली। बैठक के दौरान यह प्रमुख विषय सामने आया कि निर्धारित सीमा से अधिक आकार और ध्वनि वाले डीजे आम जनता के लिए गंभीर परेशानी का कारण बनते हैं। ऐसे में चेतावनी दी गई है कि अधिक आवाज और बड़े आकार से डीजे व रात्रि 10 बजे के बाद नहीं बचेंगे। अन्यथा कार्रवाई होगी।

बैठक में यह निर्देश दिए गए कि रात्रि 10 बजे के बाद किसी भी परिस्थिति में डीजे या धुमाल का संचालन नहीं होगा। साथ ही 10 इनटू 8 फ़ीट से बड़े डीजे और निर्धारित डेसिबल सीमा से अधिक ध्वनि पर सख्त रोक रहेगी। पुलिस अधीक्षक सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले में कोई भी संचालक नियमों का उल्लंघन न करे।

यदि रात्रि 10 बजे के बाद डीजे बजाया गया या निर्धारित आकार और ध्वनि सीमा से बाहर डीजे लगाए गए तो संबंधित संचालक का डीजे एवं समस्त उपकरण वाहन सहित जप्त कर न्यायालय में पेश कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र बघेल, पंकज पटेल, एसडीओपी कृष्णकुमार चंद्राकर, डीएसपी मुख्यालय आशीष शुक्ला, थाना प्रभारी कोतवाली लालजी सिन्हा सहित जिले के डीजे संचालक उपस्थित थे।

चेतावनी हर बार बेअसर

हर वर्ष धार्मिक आयोजन के समय पुलिस विभाग द्वारा डीजे संचालकों की बैठक लेकर उन्हें नियम कायदों की जानकारी देते हैं। साथ ही अपील के साथ चेतावनी भी देते हैं अधिक साउंड पर डीजे बजाया तो कार्रवाई होगी। बावजूद अधिक नहीं अत्यधिक आवाज पर डीजे गलियों, चौक-चौराहों से गुजरते हैं। ऐसा लगता है मानो कान के पर्दे फट जाएंगे। मुख्य रुप से बुजुर्ग, बीमार और कम उम्र के बच्चों अधिक तकलीफ होती है बावजूद इस पर किसी तरह से दबाव नहीं बनाया जाता कि साउंड कम किया जाए। मतलब पुलिस की चेतावनी मात्र औपचारिकता ही रहती है।

पुलिस अधीक्षक सिंह ने कहा अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण से बुजुर्गों और मरीजों की नींद बाधित होती है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और आम लोगों में तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। बड़े आकार के डीजे लगाने से भीड़ प्रबंधन कठिन हो जाता है और कई बार सामाजिक कार्यक्रमों में अव्यवस्था फैल जाती है। इसलिए सभी संचालक समाज और आमजन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केवल निर्धारित आकार और ध्वनि सीमा में ही डीजे का संचालन करें। नियमों का पालन कर ही हम सब मिलकर सुरक्षितए शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रख सकते हैं।

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